दक्षिण रेलवे के आरपीएफ के प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त बीरेन्द्र कुमार ने बताया कि स्थापना दिवस कार्यक्रम की शुरुआत सोमवार से हुई और 26 सितम्बर तक चलेगा। इस दौरान यात्री जागरूक कार्यक्रम, रेल मदद-139, पौधारोपण कार्यक्रम, रक्तदान शिविर सहित अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने आगे बताया रेल संपत्ति की रक्षा व देखभाल के लिए 1957 में बल का गठन किया गया था।
वही 20 सितम्बर 1985 में रेलवे सुरक्षा बल को पैरामिलिट्री का दर्जा मिला। इसके बाद रेलवे सुरक्षा बल के जवान अनवरत रेल संपत्ति की सुरक्षा करने में जुटे है।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दौरान दक्षिण रेलवे ने यात्री और माल परिवहन के अपने मुख्य कार्यों को बनाए रखने और उन्नत करने के लिए न केवल एक समग्र और बहुपक्षीय दृष्टिकोण अपनाया है, बल्कि इस अदृश्य दुश्मन से लडऩे के लिए अपरंपरागत और नए क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस दौरान यात्रियों को दी जा रही सुविधाओं को बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आरपीएफ रेल संपति रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध है।
कोविड-19 के दौरान दक्षिण रेलवे के प्रयासों और पहलों में रेलवे सुरक्षा बल, दक्षिण रेलवे का प्रमुख योगदान रहा है। लॉकडाउन के प्रारम्भिक दौर में रेलवे सुरक्षा बल ने सभी खाली कोचिंग रेकों, स्टेशनों और अन्य रेलवे संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ मानवीय दृष्टिकोण के तहत रेलवे स्टेशनों के निकट असहाय और फंसे व्यक्तियों को नि:शुल्क भोजन भी उपलब्ध कराया।
अपराध के विरुद्ध ‘जीरो टालरेंस’ के अंतर्गत रेल सुरक्षा बल द्वारा विभिन्न उन्नत एवं नवीन तकनीकों जैसे आईएसएस (ISS), विएसएस (VSS), साईबर सेल एवं डायनमिक ट्रेन एस्कार्ट का प्रयोग किया जा रहा है।