इस कारण कोरोना मरीजों के इलाज में मुश्किलें आ रही है। कोरोना काल में रेमडेसिविर दावाओं को लेकर मारामारी हो रही है। भारत में इस दवा को लेकर स्थिति ये है कि जिसे रेमडेसिविर की ज़रूरत नहीं है वो भी इस दवा के लिए लाइन लगा रहा है। इस दवा के लिए लोग मेडिकल स्टोर का चक्कर काट रहे हैं लेकिन फिर भी लोगों को यह दवा नहीं मिल रही है।
कीलपॉक मेडिकल अस्पताल में काउंटर खुलने की जानकारी होते ही सौकड़ों लोग दवा लेने पहुंच गए जिससे सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन भी हुआ। दवा खरीदने आए लोगों ने काउंटर पर नियमों का पालन नहीं होने से खूब हंगामा किया।
तमिलनाडु मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन की प्रबंध निदेशक पी. उमानाथ ने कहा कि मंगलवार से काउंटर पर लगे भीड़ के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे। साथ ह ी तीन अन्य काउंटर भी खोले जाएंगे। एक मरीज रेमडेसिविर के केवल छह शिशियां खरीद सकता है। प्रत्येक शीशि कीमत 1568 रुपए है। दवा सुबह 10 से शाम 5 बजे तक बेची जाएगी।
उमनाथ ने बताया कि चेन्नई में कोरोना के अधिक मामले है, इसलिए विशेष काउंटर खुला। जिन जिलों में कोरोना संक्रमण के मामले अधिक है, उन जिलों में रेमडेसिविर बिक्री के लिए काउंटर खोले जाएंगे। तमिलनाडु मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन अस्पतालों को सप्लाई करेगा।
काउंटर पर दवा खरीदने के लिए इलाज करने वाले डॉक्टर से पर्ची प्रस्तुत करना होगा कि जिसमें डॉक्टर के नाम के साथ, अस्पताल का नाम, आरटीपीसीआर पॉजिटिव रिपोर्ट, सीटी स्कैन रिपोर्ट में गंभीर फेफड़ों में संक्रमण का जिक्र होना और आधार कार्ड जरूर होना चाहिए।