scriptअध्यात्म की राह से होगा सर्वांगीण विकास: मुनि प्रशांत | Spiritual path will be the all-round development: Muni Prashant | Patrika News

अध्यात्म की राह से होगा सर्वांगीण विकास: मुनि प्रशांत

locationचेन्नईPublished: Feb 10, 2018 01:39:00 pm

Submitted by:

Arvind Mohan Sharma

सही मंजिल पर सही तरीके से उठाया हुआ कदम विकास का द्वार खोलता है…

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व्यक्ति को मंजिल का पता होना चाहिए। सही मंजिल पर सही तरीके से उठाया हुआ कदम विकास का द्वार खोलता है

कोची. मुनि प्रशांत कुमार के सान्निध्य व मुनि कुमुद कुमार के निर्देशन में सर्वांगीण विकास कार्यशाला का आयोजन हुआ। मुनि प्रशांत कुमार ने कहा कि व्यक्ति को मंजिल का पता होना चाहिए। सही मंजिल पर सही तरीके से उठाया हुआ कदम विकास का द्वार खोलता है। हमारा भाव शुद्ध होना चाहिए। आध्यात्मिक विकास के साथ भौतिक विकास अपने आप हो जाता है। जैसा हमारा विचार होता है, वैसा ही व्यहार बनता है। बाहरी परिस्थिति से प्रभावित नहीं होना चाहिए। दूसरों का अहित चिंतन न करें। सबके प्रति मैत्री प्रेम की भावना रखें। जीवन का सदुपयोग करें। व्यक्ति का विकास स्वयं के साथ समाज का भी हित करता है। शारीरिक, बौद्धिक,मानसिक, एवं भावनात्मक विकास के साथ आध्यात्मिक विकास से ही सर्वांगीण विकास संभव है।
जैसे दीमक लकड़ी में पनपती है, उसी को नुकसान पहुंचाती है। वैसे ही हमारा बुरा भाव हमारे मन में ंंआता है और हमारा ही नुकसान करता है
मुख्य वक्ता चेन्नई से आए राकेश खटेड ने कहा कि जैसे दीमक लकड़ी में पनपती है, उसी को नुकसान पहुंचाती है। वैसे ही हमारा बुरा भाव हमारे मन में ंंआता है और हमारा ही नुकसान करता है। भाव उच्च कोटि का होने से कर्म का बंधन भी कम होता है। जितना भाव निर्मल उतना ही जीवन उत्कृष्ट होता है। हिंसा का अल्पीकरण करने से पाप कर्म का बंधन कम होने के साथ – साथ भावनाएं भी शुभ होती है।मीडिया प्रभारी चंचल पारख ने बताया कि कार्यशाला का मंगलाचरण गौतम डोशी ने किया। खटेड का परिचय खुशबू भंडारी ने दिया। सम्मान पदम चंद भण्डारी, सभा अध्यक्ष रतन लाल बाफना, डॉ योगिराज का सम्मान उम्मेद भंडारी और प्रकाश ने किया। कार्यशाला का संचालन सुरेश पटावरी ने किया। रणजीत भंडारी ने धन्यवाद दिया।
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