चेन्नई

फर्जी आधार कार्ड के साथ तमिलनाडु में रह रहे श्रीलंकाई डॉन की संदिग्ध परिस्थिति में मौत

– दो साल से कोयम्बत्तूर में रह रहा था

चेन्नईAug 04, 2020 / 05:47 pm

PURUSHOTTAM REDDY

कोयम्बत्तूर.

फर्जी पहचान के सहारे तमिलनाडु में रह रहे श्रीलंकाई डॉन एंगोडा लोक्का की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई। वह पिछले दो सालों से यहां छिपकर रह रहा था। घटना की खबर मिलते ही क्राइम ब्रांच-क्राइम इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीबी-सीआइडी) अब गैंगस्टर के मौत के मामले की जांच में जुट गई है। तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक जेके त्रिपाठी ने मामले को कोयम्बत्तूर पुलिस से सीबी-सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया है। इस मामले में एक महिला समेत तीन लोगों की गिरफ्तार किया गया है।

मामले की हो रही जांच
जानकारी के अनुसार इस मामले में दो प्राथमिकी दर्ज किए गए हैं। एक मौत का और दूसरा फर्जी दस्तावेज के सहारे आधार कार्ड पाने का। क्राइम ब्रांच सीआईडी के इंस्पेक्टर जनरल के. शंकर ने कहा कि श्रीलंकाई अंडरवल्र्ड डॉन के मौत मामले की जांच के लिए सात स्पेशल टीम का गठन किया गया।

कोयम्बत्तूर में रह रहा था डॉन
पुलिस अनुसार 2017 में लोक्का तमिलनाडु आया था और प्रदीप सिंह के नाम से वर्ष 2018 से ही कोयम्बत्तूर में रह रहा था। प्रदीप सिंह जिम में प्रोटीन सप्लीमेंट सप्लाई का काम करता था। मदुरै के एडवोकेट टी सिवागामी सुंदरी व उनकी तिरुप्पुर निवासी मित्र एस ध्यानेश्वरन के सहारे कोयम्बत्तूर में किराए पर घर लिया था। वहां वह श्रीलंकाई महिला अमानी धानजी के साथ रह रहा था। इससे पहले एडवोकेट सुंदरी ने मदुरै स्थित अपने घर को कुछ दिनों के लिए लोक्का को दिया था।

संदिग्ध हालात में लोक्का की मौत जुलाई के शुरुआत में हुई थी। धानजी के आग्रह पर एडवोकेट ने सिटी पुलिस के पास जाकर बताया कि गैंग्स्टर धानजी का कजिन था ओर दिल का दौरा पडऩे से उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद एडवोकेट सुंदरी ने लोक्का की बॉडी का मदुरै में अंतिम संस्कार किया। पुलिए ने एडवोकेट सुंदरी, धानजी और ध्यानेश्वरन को गिरफ्तार कर लिया।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.