संस्थान के चेयरमैन डा.एस.तंगवेलू ने कहा कि विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने लंबे समय से चले आ रहे अपने सपनों को पूरा किया है। यह दस साल पुराना सपना था। खुद का सेटेलाइट बनाया है। इस टीम में रिसर्च स्कालर निखिल रियास, तीन प्रोफेसर एवं 12 स्टुडेंट शामिल हैं। इसमें तकनीकी सहयोग स्पेस रिसर्च सेंटर, सेरबिया ने दिया। इस पिको सेटेलाइट का वजन केवल 460 ग्राम है। यह लो अर्थ आरबिट सेटेलाइट होगा। यह उपग्रह इंटरनेट आफ थिंग्स के जरिए सूचनाएं मुहैया कराएगा। वाटर लीक या गैस एवं तेल लीक को नियंत्रित किया जा सकेगा। इस उपग्रह का उपयोग वाल्व्स को खुलने एवं बंद करने की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। इसी प्रकार वन में लगी एवं बहुमंजिला अपार्टमेंट्स में आग लगने की दुर्घटनाओं को भी नियंत्रित किया जा सकता है। यह बैंक एवं आवासीय इलाकों में होने वाली चोरी एवं डकैती की घटनाओं को भी रोक सकता है।