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भूजल स्तर में स्थिरता

locationचेन्नईPublished: Apr 16, 2018 03:35:44 am

Submitted by:

P S VIJAY RAGHAVAN

दो महीने पहले तक जल संकट नहीं होने का दावा करने वाला प्रशासन अब आपातकालीन योजना बनाने में जुटा है। महानगर में पेयजल संकट नजर आना शुरू हो चुका है।

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पेयजल संकट
आपातकालीन योजना पर कार्य शुरू

चेन्नई. दो महीने पहले तक जल संकट नहीं होने का दावा करने वाला प्रशासन अब आपातकालीन योजना बनाने में जुटा है। महानगर में पेयजल संकट नजर आना शुरू हो चुका है। राज्य के अधिकांश जिलों में यही हालात है। जबकि भूजल स्तर बढऩे का दावा किया गया था। अगर बरसात नहीं होती है तो हालात बद से बदतर होंगे।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मु यमंत्री ई. के. पलनीस्वामी की अध्यक्षता में हालिया जिला कलक्टरों के स मेलन में पानी के संकट पर गंभीरता और प्रमुखता से विचार किया गया। इस स मेलन के बाद मु य सचिव ने भी आला अधिकारियों से विशेष बैठक में महानगर समेत राज्यभर में पेयजल की स्थिति पर विमर्श किया था।


उत्तर-पूर्वी मानसून
तमिलनाडु के कुछ जिलों रामनाथपुरम, पुदुकोट्टै, कोय बत्तूर, ईरोड व शिवगंगा के कई हिस्सों में उत्तर-पूर्वी मानसून की बरसात औसत से भी कम रही। इस वजह से ये इलाके सूखे का शिकार हैं। लिहाजा जिला प्रशासन हरकत में आया है ताकि गर्मी के चरम पर जाने से पहले जलापूर्ति की कमी का ठोस उपाय किया जा सके।


राजस्व प्रशासन व राहत आयुक्त के. सत्यगोपाल ने इस बारे में कहा कि हमने जलसंकट से निपटने के लिए आपात योजना का खाका तैयार कर लिया है। जल वितरण की समीक्षा और माइक्रो मैनेजमेंट पर कार्य हो रहा है। आपात योजना के तहत नए जलस्रोतों की खोज, नवीनीकरण व विद्यमान जलापूर्ति सुविधाओं की मर मत व अनुरक्षण का काम होगा।


122 करोड़ की राशि जारी
ग्रामीण विकास विभाग ने तमिलनाडु में खासकर ग्रामीण इलाकों में जलापूर्ति की व्यवस्था के लिए १२२ करोड़ रुपए जारी किए है। पुरानी संयुक्त पेयजल योजनाओं का भी नवीनीकरण किया जाएगा। स्थानीय निकायों के सामान्य कोष से भी जलापूर्ति कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

सत्यगोपाल के अनुसार पंचायतों व उन ब्लॉक पर ज्यादा ध्यान रहेगा जहां पानी की कमी ज्यादा है। कुछ जगहों पर माइक्रोमैनेजमेंट प्रणाली को अपनाया गया है। उन जिलों को जल संकट का संभवत: सामना नहीं करना पड़ेगा जहां संयुक्त पेयजल आपूर्ति कार्यक्रम संचालित है। ऐसे जिलों को नहरों के जरिए आपूर्ति होती रहेगी।


बड़े जलाशयों में है पानी
कुछ जिलों में गर्मी का असर जलसंकट के रूप में दिखने लगा है। प्रशासन ने बड़े जलाशयों, झीलों व व गर्मी में संभावित बौछारों से प्राप्त जल से इस संकट का समाधान तलाशने का निर्णय किया है।

वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पिछले साल की तुलना में बड़े जलाशयों में पानी की उपलब्धता बढिय़ा है। हम इनका उपयोग पेयजल के लिए कर सकते हैं। कुछ इलाकों में बरसात हुई है इससे हमें जल संकट के समाधान में मदद मिलेगी।
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