आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मु यमंत्री ई. के. पलनीस्वामी की अध्यक्षता में हालिया जिला कलक्टरों के स मेलन में पानी के संकट पर गंभीरता और प्रमुखता से विचार किया गया। इस स मेलन के बाद मु य सचिव ने भी आला अधिकारियों से विशेष बैठक में महानगर समेत राज्यभर में पेयजल की स्थिति पर विमर्श किया था।
उत्तर-पूर्वी मानसून
तमिलनाडु के कुछ जिलों रामनाथपुरम, पुदुकोट्टै, कोय बत्तूर, ईरोड व शिवगंगा के कई हिस्सों में उत्तर-पूर्वी मानसून की बरसात औसत से भी कम रही। इस वजह से ये इलाके सूखे का शिकार हैं। लिहाजा जिला प्रशासन हरकत में आया है ताकि गर्मी के चरम पर जाने से पहले जलापूर्ति की कमी का ठोस उपाय किया जा सके।
राजस्व प्रशासन व राहत आयुक्त के. सत्यगोपाल ने इस बारे में कहा कि हमने जलसंकट से निपटने के लिए आपात योजना का खाका तैयार कर लिया है। जल वितरण की समीक्षा और माइक्रो मैनेजमेंट पर कार्य हो रहा है। आपात योजना के तहत नए जलस्रोतों की खोज, नवीनीकरण व विद्यमान जलापूर्ति सुविधाओं की मर मत व अनुरक्षण का काम होगा।
122 करोड़ की राशि जारी
ग्रामीण विकास विभाग ने तमिलनाडु में खासकर ग्रामीण इलाकों में जलापूर्ति की व्यवस्था के लिए १२२ करोड़ रुपए जारी किए है। पुरानी संयुक्त पेयजल योजनाओं का भी नवीनीकरण किया जाएगा। स्थानीय निकायों के सामान्य कोष से भी जलापूर्ति कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
बड़े जलाशयों में है पानी
कुछ जिलों में गर्मी का असर जलसंकट के रूप में दिखने लगा है। प्रशासन ने बड़े जलाशयों, झीलों व व गर्मी में संभावित बौछारों से प्राप्त जल से इस संकट का समाधान तलाशने का निर्णय किया है।