विधानसभा में बुधवार को आयुष मंत्रालय द्वारा प्रकाशित और मुद्रित औषधियों के नाम वाली हैंडबुक पेश की गई। यह हैंडबुक तमिल, अंग्रेजी और हिन्दी भाषा में थी। स्टालिन इसे देखते ही ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाए।
उन्होंने प्रश्न किया कि स्वास्थ्य विभाग की पुस्तक क्यों तीन भाषा में है? स्वास्थ्य मंत्री विजय भास्कर ने तत्काल स्पष्टीकरण दिया कि यह जड़ी-बूटी और औषधियों की विशेषता दर्शाने वाली पुस्तक है जिसका प्रकाशन आयुष मंत्रालय की ओर से किया गया है। इसमें जड़ी-बूटी के नाम हिन्दी में अंकित हैं। इसलिए मामले को तूल देने की आवश्यकता नहीं है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित किए जाने की वजह से यह हिन्दी में भी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने विधानसभा से कहा कि वे मुख्यमंत्री की दो भाषाई नीति संबंधी वचन का स्मरण कराना चाहते हैं। इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं है।