सचिवालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कलेक्टरों के साथ समीक्षा बैठक में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने का सबसे बड़ा हथियार टीकाकरण है। हालांकि टीकाकरण कराने वाले कुछ लोग इस वायरस से संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन मृत्यु दर बहुत कम है। अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सभी टीकाकरण अभियान में तेजी लाए। लोगों को टीका खुराक मिल जाए।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि राज्य की कुल 6.33 करोड़ आबादी में से 74.75 प्रतिशत लोगों ने टीके की दोनों खुराकें ली हैं और 91.5 प्रतिशत लोगों ने पहली खुराक ली है और 41.66 प्रतिशत लोगों को बूस्टर खुराक दी गई है। इसके बावजूद तमिलनाडु अभी भी टीकाकरण दर में अन्य राज्यों से पीछे है। 1.48 करोड़ लोगों को अपनी दूसरी खुराक लेनी बाकी है और 11.68 लाख लोगों को बूस्टर खुराक लेनी बाकी है।
उन्होंने कहा कि चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि आने वाले हफ्तों में इन लोगों को उनके टीके की उचित खुराक मिल जाए। लोगों से लापरवाही न करने की अपील करते हुए उन्होंने कलेक्टरों से यह सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया कि दिल्ली, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी के मद्देनजर फेस मास्क पहनना, सार्वजनिक स्थानों पर सामाजिक दूरी बनाए रखना जैसे कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाए।