मुख्यमंत्री ने यूके्रन से लौटे मेडिकल छात्रों की स्थिति के संदर्भ में लोकसभा में हाल दिए गए जवाब को लेकर छात्रों की चिंता की ओर मोदी का ध्यान आकृष्ट करते हुए उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया। उल्लेखनीय है कि लोकसभा में इस सदंर्भ में पूछे गए एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने किसी भी विदेशी मेडिकल छात्रों को भारतीय चिकित्सा संस्थान या विश्वविद्यालय स्थानांतरित करने या समायोजित करने की कोई अनुमति नहीं दी गई है।
पत्र में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा उनकी पढ़ाई जारी रखने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाने से छात्रों में निराशा की भावना है। उन्होंने पीएम मोदी से देश के मेडिकल कॉलेजो में इन छात्रों की पढ़ाई के लिए एनएमसी और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों को अधिनियमों में आवश्यक संशोधन का भी अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में लड़ाई के बाद से तमिलनाडु के करीब दो हजार मेडिकल छात्र वापस लौटे हैं। जोकि अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक हैं। उन्होंने कहा कि यूके्रन की मौजूदा स्थिति को देखते हुए व्यवहारिक रूप से वहां छात्रों का तत्काल वापस लौटना मुमकिन नहीं है।