राज्य सरकार तमिलनाडु में दो भाषाई फार्मूले पर प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री
चेन्नईPublished: Aug 17, 2019 01:47:24 pm
Tamilnadu के मुख्यमंत्री एडपाडी के. पलनीस्वामी ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार अपने दो भाषाई फार्मूले को लेकर प्रतिबद्ध है उसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा। ऐसी किसी भी परियोजना को अनुमति नहीं दी जाएगी, जिससे राज्य की जनता प्रभावित हो।
राज्य सरकार तमिलनाडु में दो भाषाई फार्मूले पर प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री
-वेलूर जिले को तीन हिस्सों में बांटने की घोषणा
चेन्नई. मुख्यमंत्री एडपाडी के. पलनीस्वामी ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार अपने दो भाषाई फार्मूले को लेकर प्रतिबद्ध है उसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा। ऐसी किसी भी परियोजना को अनुमति नहीं दी जाएगी, जिससे राज्य की जनता प्रभावित हो। ७३वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर फोर्ट सेंट जॉर्ज में तिरंगा फहराने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने यह बात कही। उन्होंने कहा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सीएन अन्नादुरै ने त्रिभाषाई फार्मूले को खत्म करने के लिए वर्ष १९६८ में विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया था। उसके बाद पूर्व सीएम एम.जी. रामचंद्रन ने भी एक प्रस्ताव पारित कर वर्ष १९८६ में दो भाषाई फार्मूले का समर्थन किया।
पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय जे. जयललिता ने गैर हिन्दीभाषी राज्यों में हिन्दी थोपने की कोशिश का सख्ती से विरोध किया था। राज्य सरकार भी इस मामले को लेकर अपना रुख नहीं बदलेगी। राज्य की जनता को प्रभावित करने वाली परियोजनाओं का विरोध कर तमिलनाडु की कल्याणकारी योजनाओं की रक्षा की जाएगी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने वेलूर जिले को तीन हिस्सों में बांटने की घोषणा की। साथ ही कहा कि मंत्रियों, विधायकों और आमजन से परामर्श के बाद जिले को बांटने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि नवगठित जिलों का मुख्यालय रानीपेट और तिरुपत्तूर होगा। वहीं वेलूर का अस्तित्व अलग जिले के रूप में कायम रहेगा। वेलूर के केवी कुप्पम को भी मुख्यमंत्री ने तालुक बनाने की घोषणा की। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने हाल ही विधानसभा सत्र के दौरान चेंगलपेट और तेनकाशी को जिला बनाने की घोषणा की थी।