उन्होंने कहा कि बहुत सारे नियम और कानून हैं जिसके तहत दोनों को गुंडा एक्ट के तहत गिराफ्तार किया जा सकता था। लेकिन एआईएडीएमके सरकार के दबाव की वजह से राज्य की पुलिस ने उचित नियमों का पालन नहीं किया। अब दोनों मुख्य आरोपी जमानत पर ही बाहर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों और मामले में संबंध रखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ दोनों आरोपियों को योग्य सजा देनी चाहिए।