उन्होंने कहा कि वह सिर्फ भाषा, संस्कृति और सभ्यता के माध्यम से एकता के बारे में दावा नहीं करना चाहते है। बल्कि अतिरिक्त पानी, बिजली और अनाज को एक दुसरे के साथ साझा करना चाहिए। इससे ड्रविडऩ राज्यों में एकता बनेगी। साथ ही उन्होंने संस्थान से प्राकृतिक संसाधन की साझेदारी के महत्व पर जागरूकता फैलाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा दक्षिणी राज्यों को महानंदी, गोदावरी, कृष्णा, पेन्नार, पलार, कावेरी, वेगै, गुंडर और पम्बा सहित अन्य नदियों के एकिकरण के लिए भी आगे आना चाहिए। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि ऐसे किसी भी पहल का तमिलनाडु हमेशा समर्थन करेगा।
उन्होंने कहा ड्रविडऩ संस्कृति ने सदियों पहले कई रिसर्चो को आकर्षित किया था और सूचना प्रद्योगिकी में इसे और भी व्यापक रूप से फैलाना चाहिए। इस मौके पर उपस्थित राज्य के उपमुख्यमंत्री ओ.
पन्नीरसेल्वम ने वर्तमान में द्रविड़वाद, इसके इतिहास और प्रभाव पर और ज्यादा शोध करने की जरूरत है।