याचिका में कहा गया था कि डाक विभाग postal department ने परीक्षा के आयोजन से महज तीन दिन पहले यह निर्देश जारी किया कि परीक्षा exam हिंदी या अंग्रेजी में से किसी एक भाषा में दी जा सकती है। इसे लेकर किसी तरह का प्रचार-प्रसार भी नहीं किया गया। यह परीक्षा मल्टी टास्किंग स्टाफ, पोस्टमैन, मेल गार्ड, पोस्टल सहायक एवं शॉॢटंग सहायक के लिए आयोजित की गई थी, जबकि पिछले वर्ष तक तमिल समेत 15 भाषाओं में से किसी एक भाषा में परीक्षा लिखने की छूट थी।
याचिका में कहा गया था कि इन परीक्षाओं के लिए शैक्षणिक योग्यता दसवीं एवं बारहवीं पास रखी गई है। ऐसे में केवल हिंदी या english अंग्रेजी भाषा में ही परीक्षा लिखना अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है। हजारों अभ्यर्थी ऐसे हैं जिनकी स्कूली शिक्षा का माध्यम स्थानीय भाषा ही रही है।
याचिका में यह भी कहा गया कि जो अभ्यर्थी हिंदी या अंग्रेजी नहीं जानते उनके साथ जीने के अधिकार एवं रोजगार के अधिकार का हनन हुआ है। परीक्षा के माध्यम में अंतिम समय में बदलाव से हजारों अभ्यर्थी प्रभावित हुए हैं। याचिका में परीक्षा पर रोक लगाने तथा स्थगन आदेश जारी करने की मांग की गई। साथ ही विभाग को पूर्व की अधिसूचना ही जारी करने के निर्देश देने की मांग की गई जिसमें 15 भाषाओं में परीक्षा देने की छूट है।