तुत्तुकुड़ी जिला कलक्टर संदीप नंदूरी से विशेष वार्ता..
१. तुत्तुकुड़ी हिंसा हुए एक महीने से अधिक समय बीत गया, अभी क्या हालात है?
कलक्टर. अभी हालात सामान्य है। कहीं से भी कोई झड़प या विरोध प्रदर्शन की रिपेार्ट नहीं मिली है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अपने-अपने काम में व्यस्त हंै। सरकार के आदेश के बाद स्टरलाइट प्लांट को बंद कर दिया गया है। सरकार ने एक कमेटी गठित की है। कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार आगे निर्णय लेगी। प्लांट में अभी किसी तरह की गडबड़ी नहीं है। सल्फ्यूरिक एसिड २२०० टन हटाया जा चुका है। अब कोई घबराने की जरूरत नहीं है।
२. प्लांट के बंद होने के बाद हजारों लोगों की रोजी-रोटी छीन गई है उनके लिए क्या कदम उठा रही है सरकार?
कलक्टर. ग्रामीण इलाकों के बेरोजगार लोगों के लिए हम तुत्तुकुड़ी रोजगार सहायता कार्यक्रम नाम से वेब पोर्टल शुरू कर रहे हैं। यह बेराजगारों को उनके कौशल और क्षमता के अनुसार रोजगार देने की नई पहल है जो जल्द शुरू हो जाएगी। पोर्टल शुरू होते ही हम बेरोजगारों को प्रेस सूचना के माध्यम से सुविधा के बारे में अवगत कराएंगे और उन्हें पोर्टल में रजिस्टर कराएंगे।
३. क्या नौकरी दिलाने में वेब पोर्टल मददगार होगा?
कलक्टर. इस पोर्टल में हम उन लोगों को टारगेट करेंगे जो स्टरलाइट प्लांट बंद होने के बाद बेरोजगार हो गए हैं जिन्हें दूसरा काम नहीं मिला है। उनके कार्य कौशल, क्षमता के साथ अन्य विवरण पोर्टल पर अपलोड़ किया जाएगा। यह विवरण आस-पास की कंपनियों को भेजे जाएंगे। उनकी योग्यता जिन नियोक्ताओं को उचित लगेगी जॉब मिल जाएगी। घायलों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। जो लोग अस्पताल में हंै और कुछ महीने तक अस्पताल में रहेंगे यह सुविधा उनके लिए भी है। उन्हें जब अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी तो उनका विवरण भी पोर्टल में शामिल कर लिया जाएगा।
४. घायलों के लिए सरकार ने क्या किया?
कलक्टर. हिंसा में ११८ लोग घायल हुए हैं जिनमें ४३ गंभीर घायल हुए है। सरकार सभी गंभीर घायलों को पांच-पांच लाख और सामान्य घायलों को ५०-५० हजार से डेढ़ लाख का मुआवजा दे चुकी है। इससे पहले सरकार ने पुलिस फायरिंग में मारे गए १३ मृतकों के परिजनों को ३०-३० लाख रुपए का मुआवजा दिया।
१. तुत्तुकुड़ी हिंसा हुए एक महीने से अधिक समय बीत गया, अभी क्या हालात है?
कलक्टर. अभी हालात सामान्य है। कहीं से भी कोई झड़प या विरोध प्रदर्शन की रिपेार्ट नहीं मिली है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अपने-अपने काम में व्यस्त हंै। सरकार के आदेश के बाद स्टरलाइट प्लांट को बंद कर दिया गया है। सरकार ने एक कमेटी गठित की है। कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार आगे निर्णय लेगी। प्लांट में अभी किसी तरह की गडबड़ी नहीं है। सल्फ्यूरिक एसिड २२०० टन हटाया जा चुका है। अब कोई घबराने की जरूरत नहीं है।
२. प्लांट के बंद होने के बाद हजारों लोगों की रोजी-रोटी छीन गई है उनके लिए क्या कदम उठा रही है सरकार?
कलक्टर. ग्रामीण इलाकों के बेरोजगार लोगों के लिए हम तुत्तुकुड़ी रोजगार सहायता कार्यक्रम नाम से वेब पोर्टल शुरू कर रहे हैं। यह बेराजगारों को उनके कौशल और क्षमता के अनुसार रोजगार देने की नई पहल है जो जल्द शुरू हो जाएगी। पोर्टल शुरू होते ही हम बेरोजगारों को प्रेस सूचना के माध्यम से सुविधा के बारे में अवगत कराएंगे और उन्हें पोर्टल में रजिस्टर कराएंगे।
३. क्या नौकरी दिलाने में वेब पोर्टल मददगार होगा?
कलक्टर. इस पोर्टल में हम उन लोगों को टारगेट करेंगे जो स्टरलाइट प्लांट बंद होने के बाद बेरोजगार हो गए हैं जिन्हें दूसरा काम नहीं मिला है। उनके कार्य कौशल, क्षमता के साथ अन्य विवरण पोर्टल पर अपलोड़ किया जाएगा। यह विवरण आस-पास की कंपनियों को भेजे जाएंगे। उनकी योग्यता जिन नियोक्ताओं को उचित लगेगी जॉब मिल जाएगी। घायलों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। जो लोग अस्पताल में हंै और कुछ महीने तक अस्पताल में रहेंगे यह सुविधा उनके लिए भी है। उन्हें जब अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी तो उनका विवरण भी पोर्टल में शामिल कर लिया जाएगा।
४. घायलों के लिए सरकार ने क्या किया?
कलक्टर. हिंसा में ११८ लोग घायल हुए हैं जिनमें ४३ गंभीर घायल हुए है। सरकार सभी गंभीर घायलों को पांच-पांच लाख और सामान्य घायलों को ५०-५० हजार से डेढ़ लाख का मुआवजा दे चुकी है। इससे पहले सरकार ने पुलिस फायरिंग में मारे गए १३ मृतकों के परिजनों को ३०-३० लाख रुपए का मुआवजा दिया।
५. ग्रामीणों से बातचीत हुई, उन्होंने बताया कि वीवी टायटेनियम नामक दूसरी कंपनी है जिससे वे प्रभावित हुए हैं?
कलक्टर. अभी वह कंपनी बंद है। तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कंपनी को नोटिस दिया है। अगर किसी को इस कंपनी से परेशानी है तो हम इसकी जांच करेंगे लेकिन कंपनी का संचालन नहीं हो रहा है। स्टरलाइट और दूसरी कंपनियां जिनसे परेशानी उत्पन्न हो रही है उन इलाकों में नियमित रूप से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वायु गुणवत्ता की जांच करती है।
६. लेकिन, ग्रामीणों का दावा है कि कंपनी चल रही है और वे प्रदर्शन करेंगे?
कलक्टर. नहीं ऐसा नहीं है। कंपनी पहले से ही बंद है। प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी नियमित रूप से जांच में लगे हुए हैं। अगर किसी भी तरह की गडबड़ी पाई जाती है तो कार्रवाई होगी। प्रदर्शन करने की नौबत नहीं आएगी। हम पहले ही मामला सुलझा लेंगे।
कलक्टर. अभी वह कंपनी बंद है। तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कंपनी को नोटिस दिया है। अगर किसी को इस कंपनी से परेशानी है तो हम इसकी जांच करेंगे लेकिन कंपनी का संचालन नहीं हो रहा है। स्टरलाइट और दूसरी कंपनियां जिनसे परेशानी उत्पन्न हो रही है उन इलाकों में नियमित रूप से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वायु गुणवत्ता की जांच करती है।
६. लेकिन, ग्रामीणों का दावा है कि कंपनी चल रही है और वे प्रदर्शन करेंगे?
कलक्टर. नहीं ऐसा नहीं है। कंपनी पहले से ही बंद है। प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी नियमित रूप से जांच में लगे हुए हैं। अगर किसी भी तरह की गडबड़ी पाई जाती है तो कार्रवाई होगी। प्रदर्शन करने की नौबत नहीं आएगी। हम पहले ही मामला सुलझा लेंगे।