तरुण अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि रविवार को तुत्तुकुड़ी के पॉलीटेक्निक कॉलेज में जनसुनवाई हुई थी। दो हजार से अधिक लोग कमेटी के सामने पेश हुए और आवेदन दिए। इन आवेदनों पर विचार किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि एनजीटी के निर्देश पर इस समिति ने बंद पड़े प्लांट का करीब दो घंटे मुआयना भी किया था। हालांकि चेयरमैन ने प्लांट स्तर पर किसी भी तरह की गड़बड़ी अथवा हानिकारक रसायन की मौजूदगी को लेकर टिप्पणी से इनकार कर दिया। तरुण अग्रवाल ने प्लांट के मुआयने को लेकर दिए गए समय को पर्याप्त बताया कि उनको इस समय में कई जगह जाने का अवसर मिला। वे प्रभावित ग्रामीणों से भी निजी तौर पर मिल पाए। अगर जरूरी हुआ तो तुत्तुकुड़ी में फिर से सुनवाई की जाएगी।
तरुण अग्रवाल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय टीम ने रविवार सुबह साढ़े आठ से साढ़े दस बजे तक कॉपर प्लांट का दौरा किया। इस टीम के साथ तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधियों के अलावा जिला कलक्टर संदीप नंदूरी और एसपी मुरली रम्भा भी उपस्थित थी। प्लांट के मुआयने के बाद एनजीटी की टीम टी. कुमरगिरि स्थित जलाशय भी गई ताकि जल प्रदूषण के स्तर की जांच की जा सके। टीम ने ग्रामीणों से कॉपर प्लांट के पर्यावरण और सेहत पर पड़े प्रभाव के बारे में सवाल किए।