चेन्नई. तुत्तुकुड़ी स्टरलाइट कॉपर प्लांट के आस-पास बसे लोगों में से अधिकतर एकमत और दृढ़प्रतिज्ञ हैं यह प्लांट फिर से नहीं खुलना चाहिए। २२ मई को प्लांट विरोधी आंदोलन को काबू करने के लिए हुई पुलिस फायरिंग में १३ लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद सरकार ने २८ मई को प्लांट बंद करने का निर्णय करते हुए इसे सील कर दिया था। आरोप है कि इस प्लांट से पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुंच रही है और लोक स्वास्थ्य खतरे में है। प्लांट के निकटवर्ती गांवों से सुनवाई करने वाली तीन सदस्यीय टीम के अध्यक्ष तरुण अग्रवाल ने भी जनता के उक्त मत की पुष्टि की। इस टीम का गठन राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के निर्देश पर हुआ है जिसने कॉपर प्लांट का मुआयना किया और जनता की राय जानी।
तरुण अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि रविवार को तुत्तुकुड़ी के पॉलीटेक्निक कॉलेज में जनसुनवाई हुई थी। दो हजार से अधिक लोग कमेटी के सामने पेश हुए और आवेदन दिए। इन आवेदनों पर विचार किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि एनजीटी के निर्देश पर इस समिति ने बंद पड़े प्लांट का करीब दो घंटे मुआयना भी किया था। हालांकि चेयरमैन ने प्लांट स्तर पर किसी भी तरह की गड़बड़ी अथवा हानिकारक रसायन की मौजूदगी को लेकर टिप्पणी से इनकार कर दिया। तरुण अग्रवाल ने प्लांट के मुआयने को लेकर दिए गए समय को पर्याप्त बताया कि उनको इस समय में कई जगह जाने का अवसर मिला। वे प्रभावित ग्रामीणों से भी निजी तौर पर मिल पाए। अगर जरूरी हुआ तो तुत्तुकुड़ी में फिर से सुनवाई की जाएगी।
तरुण अग्रवाल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय टीम ने रविवार सुबह साढ़े आठ से साढ़े दस बजे तक कॉपर प्लांट का दौरा किया। इस टीम के साथ तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधियों के अलावा जिला कलक्टर संदीप नंदूरी और एसपी मुरली रम्भा भी उपस्थित थी। प्लांट के मुआयने के बाद एनजीटी की टीम टी. कुमरगिरि स्थित जलाशय भी गई ताकि जल प्रदूषण के स्तर की जांच की जा सके। टीम ने ग्रामीणों से कॉपर प्लांट के पर्यावरण और सेहत पर पड़े प्रभाव के बारे में सवाल किए।