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हड़ताल ने रुलाया, तिगुना किराया देकर पहुंचे गंतव्य

locationचेन्नईPublished: Jan 07, 2018 10:33:26 pm

ट्रांसपोर्ट का हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रही। इसके चलते स्कूल, कॉलेज के छात्रों समेत नौकरीपेशा लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में बेहद परेशानियों का

Strike rallied, three-way destination by paying rent

Strike rallied, three-way destination by paying rent

चेन्नई।ट्रांसपोर्ट का हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रही। इसके चलते स्कूल, कॉलेज के छात्रों समेत नौकरीपेशा लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ा। सुबह के समय दूरदराज जाने वाले विद्यार्थियों जिन्हें सरकार ने मासिक पास दे रखा है, वह एमटीसी बसों का इंतजार करते नजर आए। लेकिन एमटीसी बसों की सेवा कम होने के कारण ऑटो और शेयर ऑटो की सवारी करने को मजबूर होना पड़ा।

टी.नगर बस टर्मिनस में पैर रखने की जगह नहीं

जहां कोयम्बेडु, ब्रॉडवे, अण्णानगर, वल्लारनगर, गिंडी, सईदापेट, वडपलनी आदि बस टर्मिनस में एमटीसी बसें नदारद रही वहीं टी.नगर बस टर्मिनस में सैकड़ों बसें खड़ी नजर आई। हालांकि इन सभी बसों में ड्राइवर और कंडक्टर नहीं थे और संचालन भी बंद था। टी.नगर बस टर्मिनस से महज इक्का-दुक्का रूटों पर ही बसों का संचालन किया जा रहा था जिसके कारण लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। आलम यह था कि बस को पार्क करने के लिए भी जगह नहीं थी।

शेयर ऑटो चालकों की चांदी

एमटीसी बसों की हड़ताल का फायदा सबसे अधिक ऑटो, शेयर ऑटो और टाटा मैजिक वालों ने उठाया। पूंदमल्ली से ङ्क्षगडी, सईदापेट और सेंट्रल तक आने वाली सभी शेयरऑटो और मैजिक वालों ने अपनी गाड़ी में क्षमता से अधिक यात्रियों को बिठाया। आमजन की मजबूरी के कारण पूंदमल्ली से गिण्डी तक ३० रुपए प्रति व्यक्ति उगाही करते नजर आए। वहीं गिंडी से सेंट्रल तक की सवारी को ४० रुपए प्रति यात्री किराया वसूल कर रहे थे।

यात्रियों का कहना…

मैं १२ बजे स्पेंसर प्लाजा के लिए एमटीसी बस का इंतजार कर रही हूं, लेकिन दो घंटे में एक भी बसें नहीं नजर आई, शेयर ऑटो वाले स्पेंसर प्लाजा के लिए ४० रुपए मांग रहे हैं, जबकि एमटीसी का किराया सिर्फ ११ रुपए है।-एस. नंदिनी, महिला यात्री

सरकार और ट्रांसपोर्ट विभाग के बीच आंख मिचौली पिछले कई महीनों से चल रही है। १५ दिसम्बर को भी परिवहनकर्मी अनशन पर बैठे थे लेकिन आमजन को किसी तरह की परेशानी न होने के कारण वह पुन: काम पर लौट गए। लेकिन सरकार कर्मचारियों की भावना से खिलवाड़ कर रहे हैं। -सी पालमती, डीएमके समर्थक

पिछले दो घंटे से मिंट जाने के लिए बस की प्रतीक्षा कर रहा हूं, लेकिन अबतक एक भी बस नहीं आई, अब वापस घर जा रहा हूं।-आलोक मिश्रा, पूझल निवासी

सरकार ने आवाजाही के लिए कई निजी बसों को सडक़ पर उतारा है, इन बसों के ऊपर रूट चार्ट नहीं होने से यात्री बस में सवार होने से कतराते हैं। बस कंडक्टरों और चालकों को रूट की सही जानकारी नहीं है।
—एस. जानकीरमन यात्री, कोयम्बेडु

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