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गायब होती परछाईं देख विद्यार्थियों ने जताया आश्चर्य

locationचेन्नईPublished: Apr 25, 2019 01:01:24 am

कोटूरपुरम स्थित बिडला प्लेनेटोरियम में शून्य छाया दिवस मनाया गया। इस मौके पर स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थियों के अलावा आम लोग भी मौजूद थे। वहां…

Students are surprised to see the disappearing disappearances

Students are surprised to see the disappearing disappearances

चेन्नई।कोटूरपुरम स्थित बिडला प्लेनेटोरियम में शून्य छाया दिवस मनाया गया। इस मौके पर स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थियों के अलावा आम लोग भी मौजूद थे। वहां मौजूद भौतिक विभाग के अधिकारियों ने शून्य छाया तकनीक पर प्रकाश डाला। शिक्षकों ने छात्र-छात्राओं को खगोलीय घटनाओं का रहस्य बताया। बुधवार दोपहर १२.०७ मिनट पर स्वयं की परछाईं नहीं देखकर लोग हैरत में पड़ गए। प्रायोगिक रूप से दी गई जानकारी के दौरान जब लोगों ने स्वयं की परछाईं को भी साथ नहीं पाया तो वे आश्चर्य में पड़ गए लेकिन जब उन्हें इसके पीछे का कारण बताया गया तो उनकी जिज्ञासा शांत हो गई।

अधिकारियों ने बताया कि जब सूर्य किसी वस्तु के ठीक ऊपर होता है तो वस्तु की छाया उसी में समा जाती है। वस्तु की छाया हमें दिखाई नहीं देती यही शून्य छाया की स्थिति होती है। उन्होंने बताया चूंकि पृथ्वी अपने अक्ष में 23.5 डिग्री झुकी हुई है। जब यह सूर्य की परिक्रमा करती है तथा अपने अक्ष में भी घूमती है तो पूरे वर्ष में कर्क रेखा एवं मकर रेखा के बीच आने वाली जगहों में सूर्य की स्थिति किसी वस्तु के लंबवत होती है और वस्तु की छाया उसी में समाहित हो जाती है।

कर्क व मकर रेखा में स्थित स्थानों पर यह घटना वर्ष में एक बार तथा कर्क रेखा व मकर रेखा के बीच स्थित जगहों में यह घटना वर्ष में दो बार सूर्य के उत्तरायण व दक्षिणायन होने पर होती है। शून्य छाया की स्थिति एक प्राकृतिक व वैज्ञानिक घटना है। इसमें किसी प्रकार का अंधविश्वास या भ्रांति नहीं होनी चाहिए।

इस घटना से किसी प्रकार की जनधन व प्राकृतिक हानि नहीं होती। छाया बनने की घटना से किसी पर्वत, पेड़ या ऊंचे मकान की उंचाई कैसी मापी जा सकती है यह बच्चों को समझाया गया।

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