अधिकारियों ने बताया कि जब सूर्य किसी वस्तु के ठीक ऊपर होता है तो वस्तु की छाया उसी में समा जाती है। वस्तु की छाया हमें दिखाई नहीं देती यही शून्य छाया की स्थिति होती है। उन्होंने बताया चूंकि पृथ्वी अपने अक्ष में 23.5 डिग्री झुकी हुई है। जब यह सूर्य की परिक्रमा करती है तथा अपने अक्ष में भी घूमती है तो पूरे वर्ष में कर्क रेखा एवं मकर रेखा के बीच आने वाली जगहों में सूर्य की स्थिति किसी वस्तु के लंबवत होती है और वस्तु की छाया उसी में समाहित हो जाती है।
कर्क व मकर रेखा में स्थित स्थानों पर यह घटना वर्ष में एक बार तथा कर्क रेखा व मकर रेखा के बीच स्थित जगहों में यह घटना वर्ष में दो बार सूर्य के उत्तरायण व दक्षिणायन होने पर होती है। शून्य छाया की स्थिति एक प्राकृतिक व वैज्ञानिक घटना है। इसमें किसी प्रकार का अंधविश्वास या भ्रांति नहीं होनी चाहिए।
इस घटना से किसी प्रकार की जनधन व प्राकृतिक हानि नहीं होती। छाया बनने की घटना से किसी पर्वत, पेड़ या ऊंचे मकान की उंचाई कैसी मापी जा सकती है यह बच्चों को समझाया गया।