– निगमों पास प्रिंट करने की जिम्मेदारी दी गई थी
निगमों को विद्यार्थियों के विवरण को सत्यापित करने और सभी योग्य उम्मीदवारों के लिए बस पास प्रिंट करने की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन अभी तक पास पिं्रट भी नहीं हुआ है। एक तरफ एमटीसी ने बस कंडक्टरों को परिपत्र जारी कर यूनिफार्म पहने विद्यार्थियों से टिकट नहीं लेने का निर्देश दिया है। वहीं दूसरी ओर कंडक्टरों का आरोप है कि विद्यार्थियों को दी जाने वाले लाभ का बहुत सारे लोग दुरुपयोग करने की कोशिश करते है।
–सरकार ८०० करोड़ का भुगतान करती है
उल्लेखनीय है कि सरकार के इस नियम के अनुसार राज्य भर के सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को मुफ्त बस पास दिया जाता है, जबकि निजी स्कूल के विद्यार्थियों को ५० प्रतिशत छूट है। विद्यार्थियों को दी जाने वाली रिययत की प्रतिपूर्ति करने के लिए राज्य सरकार हर वर्ष एमटीसी समेत राज्य परिवहन निगम को ८०० करोड़ का भुगतान करती है।