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पुलिस उपनिरीक्षक निकला कुख्यात अपराधी का साथी, निलंबित

locationचेन्नईPublished: Jan 24, 2020 03:02:29 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

वर्दी पहनने वाले जवान अपराधी की गिरफ्तारी की सूचना पहले दे देते जिससे वह सतर्क हाकर मौका पाकर फरार हो जाता था।

Sub-inspector suspended for helps offendor in Chennai

Sub-inspector suspended for helps offendor in Chennai

चेन्नई.

बहाली के समय जनता के जानमाल की सुरक्षा का वचन लेने वाले पुलिस के जवान ही लुटेरे बन रहे हैं। वर्दी पहनने वाले जवान अपराधी की गिरफ्तारी की सूचना पहले दे देते जिससे वह सतर्क हाकर मौका पाकर फरार हो जाता था। अपराधियों के साथ संबंध होने और उन्हें खुफिया सूचना मुहैया कराने के मामले में तैनाम्पेट पुलिस थाने के उप निरीक्षक गुरुमूर्ति (४५) को सस्पेंड कर दिया गया है।

पुलिस उपनिरीक्षक के खिलाफ आरोप साबित होने के बाद पुलिस आयुक्त एके विश्वनाथन ने गुरुवार को गुरुमूर्ति को संस्पेंड करने का आदेश दे दिया। खूंखार अपराधी और गिरोह के सरगना महेश की गिरफ्तारी के बाद सस्पेंड पुलिसकर्मी के शामिल होने का खुलासा हुआ। उसपर आरोप है कि वह कुख्यात अपराधी महेश को शरण भी देता था।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष २०१९ में गुरुमूर्ति वाशरमैनपेट पुलिस थाने में बतौर उप निरीक्षक अपनी सेवा दे रहा था। उस दौरान इलाके का खूंखार अपराधी महेश की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस पर काफी सवाल उठ रहे थे क्योंकि उसकी गिरफ्तारी के लिए टीम रवाना होने से पहले महेश को सूचना मिल जाती थी। महेश पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और पुलिस उसे पकडऩे में नाकाम थी।

दरअसल पुलिस मुखबिरों की सूचना पर कार्रवाई करते हुए टीम बनाकर महेश को पकडऩे जाती थी लेकिन खाली हाथ लौटना पड़ता था। उपनिरीक्षक गुरुमूर्ति उसे पहले ही सूचना दे देता था। इस पर थाने के पुलिसकर्मियों ने गुरुमूर्ति पर संदेह होने पर उसके खिलाफ आला पुलिसकर्मियों से शिकायत की। शिकायत प्राप्त होने के बाद गुरुमूर्ति का तैनाम्पेट पुलिस थाना (कानून-व्यवस्था) में तबादला कर दिया गया। तबादले के बावजूद उसके खिलाफ जांच जारी थी।

महेश की गिरफ्तारी के बाद उठा पर्दा
इस बीच पुलिसकर्मियों ने महेश को गिरफ्तार कर लिया और उसके मोबाइल नम्बर की कॉल डिटेल खंगाली जिसमें गुरुमूर्ति का नम्बर था और उसमें उसे गुरुमूर्ति के उस समय फोन करने की जानकारी मिली जब-जब पुलिस उसे पकडऩे रवाना हुई थी। उसके खिलाफ आरोप साबित होने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया है। पुलिस पूछताछ में पता चला कि उसकी गैंग में पुलिसकर्मी भी शामिल है, जो वाशमैनपेट पुलिस थाना में कार्यरत था।

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