चेन्नई

tamilnadu एक सब-वे अतिक्रमण का शिकार, दूसरा अनुपयोगी!

राहगीर (padestrians) इस सब-वे का इस्तेमाल शौचालय (toilet) की तरह कर रहे हैं। सब-वे में रोशनी का घोर अभाव (shortage) है। लाइटिंग मुकम्मल (complete) नहीं होने के कारण लोग इस सब-वे में से गुजरने से कतराते हैं।

चेन्नईNov 21, 2019 / 03:15 pm

Dhannalal Sharma

tamilnadu एक सब-वे अतिक्रमण का शिकार, दूसरा अनुपयोगी!

चेन्नई. महानगर के प्रमुख मार्गों में शुमार राजाजी सालै पर विधान सभा, आरबीआई, सरीखे कई शिक्षण संस्थानों के अलावा सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थल मरीना बीच स्थित है जहां हर दिन हजारों की संख्या में लोग आवागमन करते हैं। इस रोड पर वाहनों के भारी आवागमन को मद्देनजर रखते हुए ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने दशकों पहले दो सब-वे का निर्माण करवाया था। इसका उद्देश्य मरीना बीच पर प्रतिदिन आने वाले राहगीरों को आसान रोड पार करवाना था। उनको किसी प्रकार के खतरे का सामना नहीं करना पड़े। विडम्बना यह है कि इस मार्ग पर बने ये दोनों सब-वे आमजन के लिए अनुपयोगी बने हुए हंै।

एक का हो रहा व्यावसायिक इस्तेमाल
पहला सब-वे मरीना बीच पर अण्णा समाधि चौराहे पर बना हुआ है, इस सब-वे का व्यावसायिक इस्तेमाल हो रहा है। यह सब-वे वर्षों से अतिक्रमण की जद में है। यहां से आवाजाही करने वाले यात्रियों को मानें तो इस सब-वे में से गुजरना आसान नहीं है, क्योंकि अतिक्रमियों ने इस सब-वे में बहुत कम जगह आवाजाही के लिए छोड़ी है। नतीजतन यह अपने उद्देश्य में विफल साबित हो रहा है।
सब-वे में लगा है गंदगी का अम्बार
दूसरा सब-वे मद्रास यूनिर्वसीटी के नजदीक दक्षिणी हिस्स में निर्मित है। यह सब-वे भी उपयोग के लायक नहीं है। इस सब-वे में गंदगी का अम्बार लगा हुआ है। राहगीर इस सब-वे का इस्तेमाल शौचालय की तरह कर रहे हैं। सब-वे में रोशनी का घोर अभाव है। लाइटिंग मुकम्मल नहीं होने के कारण लोग इस सब-वे में से गुजरने से कतराते हैं। असामाजिक तत्वों का भी खतरा बना रहता है। लोग इसे शराब पीने का अड्डा बना लिया है। सब-वे के अंदर दर्जनों शराब की बोतलें पड़ी हैं। इस चौमुखी सब-वे में लाइटिंग इतनी कम है कि लाइट होने के बावजूद अंधेरा ही नजर आता है। शाम होते ही शराबी और असामाजिक तत्व इस सब-वे को ठिकाना बना लेते हैं।

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