स्मारक पर तमिल में बच्चे के बारे में लिखा था कि मैंने तिरुचि के नाडुकटटुपट्टी में अपनी मां की कोख से जन्म लिया और दो साल की उम्र में ही मेरी मौत बोरवेल में फंस कर हो गई। मौत तो सबको आनी है लेकिन जैसा मेरे साथ हुआ वह बहुत ही भयानक था। हालांकि मैं मेरी लड़ाई में हार गया लेकिन भविष्य में ऐसी घटना न हो यह सुनिश्चित करें। मेरी मौत से सबको सबक लेने की जरूरत है।
कंदासामी ने कहा जिला प्रशासन ने जिले भर में ५ हजार ८०४ खुले बोरवेल की पहचान की है, जिनमें से कुछ बोरवेल को वर्षा जल संचयन संरचनाओं में परिवर्तित कर दिया गया और बाकी को बंद कर दिया गया। उन्होंने जनता से इस तरह का बोरवेल मिलने पर जिला प्रशासन को सूचित करने का भी आग्रह किया।