चेन्नई

उच्चतम न्यायालय ने जमीन मामले में याचिका खारिज की

– एमआरटीएस के दूसरे चरण से रोड़ा हटादक्षिण रेलवे के पक्ष में फैसला

चेन्नईFeb 04, 2019 / 03:13 pm

PURUSHOTTAM REDDY

उच्चतम न्यायालय ने जमीन मामले में याचिका खारिज की

चेन्नई. सर्वोच्च न्यायालय ने मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) के विस्तार में दक्षिण रेलवे को बड़ी राहत दी है। आला अदालत ने अन्नै इंदिरा गांधी हट ड्वेलर एसोसिएशन द्वारा मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर विशेष अवकाश याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है।
इस याचिका के निपटारे से लम्बे समय से अधर में लटके एमआरटीएस के दूसरे चरण के वेलचेरी इलाके में विस्तार को गति मिलेगी। दक्षिण रेलवे के वरिष्ठ अधिवक्ता पीटी रामकुमार की दलील सुनने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने छह सप्ताह के अंदर याची एसोसिएशन को जमीन खाली करने के आदेश दिए है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 1992 में वेलचेरी इलाके में संघ के सदस्यों को 2 सेंट जमीन आवंटित की थी। एमआरटीएस के विस्तार के लिए दक्षिण रेलवे को जमीन की जरूरत होने पर इस आवंटन को 2003 में खारिज कर दिया गया था।
राज्य सरकार के इस आदेश को मद्रास हाईकोर्ट में चुनौती दी गई जिस पर सुनवाई करते हुए जज एस. वैद्यनाथन ने पाया कि जिन लोगों को जमीन आवंटित की गई थी उनका जमीन पर मालिकान नहीं था। इस जमीन पर कई व्यावसायिक इमारतें खड़ी कर दी गई थी। इस मामले में चेन्नई के कलक्टर ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि उक्त जमीन पर अतिक्रमण हुआ है। साथ ही जमीन आवंटन के वक्त सरकार की शर्त थी कि इसका विक्रय नहीं किया जाएगा।
मामले की पूरी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने इन लोगों को जमीन का अवैध मालिक घोषित करते हुए उन्हें जमीन खाली करने के आदेश दिए।
दक्षिण रेलवे के चेन्नई डिविजन प्रबंधक नवीन गुलाटी ने कहा कि हम काफी सालों से इस फैसले का इंतजार कर रहे थे। अब इंतजार है कि राज्य सरकार कितनी जल्दी जमीन रेलवे को देती है और हम प्राथमिकता से इस विस्तार के कार्य को आगे बढ़ाएंगे।

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