तुत्तुकुड़ी फायरिंग मामले की सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची
तमिलनाडु सरकार
चेन्नईPublished: Oct 13, 2018 01:50:55 pm
तमिलनाडु सरकार ने तुत्तुकुड़ी फायरिंग मामले की सीबीआई जांच के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
तुत्तुकुड़ी फायरिंग मामले की सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची तमिलनाडु सरकार
चेन्नई. तमिलनाडु सरकार ने तुत्तुकुड़ी फायरिंग मामले की सीबीआई जांच के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मद्रास हाईकोर्ट ने इस साल मई में तुत्तुकुड़ी में स्टरलाइट कंपनी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान फायरिंग में 13 लोगों के मारे जाने के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था।
तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि हाईकोर्ट ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर यह आदेश जारी किया है। 14 अगस्त को तमिलनाडु सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने 22 मई को तुत्तुकुड़ी में स्टरलाइट कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान फायरिंग में 13 लोगों के मारे जाने के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी।
उल्लेखनीय है कि वेदांता कंपनी के प्लांट पर पर्यावरण प्रदूषण का आरोप लगाते हुए तुत्तुकुड़ी में लोग सडक़ों पर उतरे थे जिसके बाद प्लांट को बंद कर दिया गया था।
जस्टिस सीटी सेल्वम और एएम बशीर अहमद की बेंच ने यह आदेश दिया था। बेंच पुलिस फायरिंग और प्रदर्शनकारियों को नेशनल सिक्यूरिटी एक्ट के तहत हिरासत में लिए जाने के मामलों की सुनवाई कर रही थी। बेंच ने अपना फैसला एक अगस्त को कोर्ट की मदुरै बेंच में सुरक्षित कर लिया था। सुनवाई में राज्य सरकार ने पुलिस केस की डायरी और समीक्षा बैठक में चर्चा की जानकारी कोर्ट के सामने रखी थी। सरकार ने कोर्ट में बताया कि धारा 144 के उल्लंघन के बाद प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। प्रशासन ने इंटेलिजेंस रिपोर्ट की प्रतियां, पुलिस स्टैंडिंग ऑर्डर और ड्रिल मैन्युअल भी कोर्ट में पेश किया। यह सब देखने के बाद कोर्ट ने 6 लोगों को एनएसए के तहत हिरासत में लेने के फैसले को रद्द कर दिया। सभी मामलों की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। यह सब देखने के बाद कोर्ट ने 6 लोगों को एनएसए के तहत हिरासत में लेने के फैसले को रद्द कर दिया। सभी मामलों की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।