हालांकि डर की वजह से पहले तो उसने कहा कि उसे नहीं पता है, लेकिन बाद में उसने खुल कर सारी बाते बता दी। उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी ऑनलाइन प्रोडक्ट ऑर्डर करने के लिए बच्चे का हेल्प लेती थी। इस प्रकार से बच्चा, जो सातवीं पास है, को ऑनलाइन भुगतान करने के बारे में पता चल गया। चूंकि उसके पास ही एटीएम था जिसके लिए किसी को पता ही नहीं चला। पैसा निकालने के बाद मोबाइल पर आने वाले सभी संदेश को वे डिलीट कर देता था ताकि किसी को पता न चल पाए। सेंथिल कुमार ने बताया इतना पैसा खर्च होने के बाद भी मैने अपने बेटे पर हाथ नहीं उठाया, बल्कि उसे ऑनलाइन गेम के संकट से दूर करने की कोशिश की। मैने अपने बेटे को गलती की सजा के रूप में एक से 90 हजार तक के अंक लिखने को कहा। बच्चे ने लिखना शुरू किया और पांच दिनों में 3500 तक लिखने के बाद उसे कठिनाई समझ में आने लगी तो उसने कहा कि इसको लिखने के बजाय मै गेम खेलना छोड़ दूंगा।