उन्होंने कहा इसी अकादमिक सत्र में विद्यार्थियों की मदद करने के उद्देश्य से जीओ जारी किया गया है। मैने भी अपनी पढ़ाई सरकारी स्कूल से की है और इन छात्रों की अपेक्षाओं को प्राथमिकता देते हुए जीओ पास किया गया है। सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए इसे जारी किया गया है, इसके लिए किसी ने किसी प्र्रकार की मांग नहीं की थी। इसी बीच डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन, जो श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे, ने कहा लंबे समय के इंतजार के बाद जीओ जारी किया गया है। राज्यपाल को बिल भेजने से पहले ही जीओ पास किया जा सकता था।
मुख्यमंत्री जिस प्रकार से बता रहे हैं उस तरह से इस मुद्दे पर राजनीतिकरण नहीं किया जा रहा है, बल्कि हम इस योजना को इस साल से ही लागू कराना चाहते थे। उल्लेखनीय है कि विधानसभा सत्र के दौरान गत 15 सितंबर को इस संबंध में एक बिल पारित कर मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा गया था। लंबा समय बित जाने के बाद भी राज्यपाल द्वारा मंजूरी नहीं किए जाने के बाद इस मुद्दे को लेकर विरोध शुरू हो गया था। स्टालिन ने राज्यपाल को एक पत्र लिख मंजूरी देने का आग्रह किया तो उन्होंने इस ओर किसी प्रकार का निर्णय लेने के लिए 3 से 4 सप्ताह मांगी थी।