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तमिलनाडु सरकार ने पारंपरिक जल्लीकट्टू खेल को दी मंजूरी, 50 फीसदी दर्शकों को ही होगी अनुमति

locationचेन्नईPublished: Dec 24, 2020 08:49:27 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

कोविड-19 से संक्रमित नहीं होने की पुष्टि करने वाली सरकार द्वारा अधिकृत प्रयोगशालाओं की जांच रिपोर्ट होनी चाहिए।

Tamil Nadu government permits Jallikattu amid Covid-19 negative certi

Tamil Nadu government permits Jallikattu amid Covid-19 negative certi

चेन्नई.

कोरोना वायरस महामारी के बावजूद तमिलनाडु सरकार ने सांड़ों की दौड़ के उत्सव जल्लीकट्टू के आयोजन को मंजूरी दे दी है, हालांकि जल्लीकट्टू के आयोजन को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी गई है। तमिलनाडु सरकार ने इस खेल के आयोजन के लिए कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं। इनके मुताबिक, जल्लीकट्टू के आयोजन समारोह में 150 से ज्याद लोग शामिल नहीं होंगे। साथ ही खिलाडिय़ों को अनिवार्य रूप से कोरोना वायरस निगेटिव होने का सर्टिफिकेट देना होगा। इसके अलावा आयोजन स्थल पर दर्शकों की कुल क्षमता का केवल 50 फीसदी लोगों को ही इक_ा होने की अनुमति होगी।

सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, प्रतिभागियों के पास उनके कोविड-19 से संक्रमित नहीं होने की पुष्टि करने वाली सरकार द्वारा अधिकृत प्रयोगशालाओं की जांच रिपोर्ट होनी चाहिए। तमिलनाडु में 235 प्रयोगशालाएं है। सरकार ने बताया कि जनवरी 2021 में इसके आयोजन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया अलग से जारी की जाएगी। अलंगनल्लूर और पलामेडु तमिलनाडु के वे क्षेत्र हैं, जहां सदियों से इस खेल का आयोजन हो रहा है। जल्लीकट्टूू एक पारंपरिक खेल है। यह पोंगल के समय आयोजित होता है। तमिलनाडु में जनवरी में फसलों की कटाई के समय पोंगल मनाया जाता है।

जल्लीकट्टू खेल का इतिहास
जल्लीकट्टू 400 साल पुराना खेल है जिसमें सांड़ों को भडक़ाकर उनकी सीगों में सिक्के या नोट फंसा दिए जाते। फिर उन्हें भीड़ में छोड़ दिया जाता है। लोगों को इन्हें काबू में करना होता है। सांड़ों के तेज दौडऩे के लिए उनकी आंखों में मिर्च डालने से लेकर उनकी पूंछों को मरोड़ा जाता है। जल्लीकट्टू का पशुप्रेमी काफी विरोध करते हैं।

200 से भी ज्यादा लोगों की जान गई
आंकड़ों के मुताबिक, 2010 से 2014 के बीच जल्लीकट्टू खेलते हुए 17 लोगों की जान गई और 1,100 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। वहीं, पिछले 20 सालों में जल्लीकट्टूू की वजह से मरने वालों की संख्या 200 से भी ज्यादा है। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में इसपर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन तमिलनाडु में इसका काफी विरोध हुआ। इस खेल के समर्थन में लोग सडक़ों पर उतर आए, जिसके बाद राज्य सरकार ने एक अध्यादेश पास कर इसके आयोजन को अनुमति दे दी।

जल्लीकट्टू के लिए जारी गाइडलाइंस
– कार्यक्रम के आयोजन स्थल पर 300 से ज्यादा सांड मालिक मौजूद नहीं रह सकते हैं। साथ ही खेल के आयोजन में 150 से ज्यादा लोग हिस्सा नहीं ले सकते हैं।
– कुल क्षमता के 50 फीसदी दर्शकों को ही कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति होगी।
– सभी दर्शकों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी। साथ ही सभी सांड मालिकों, पालकों और इस खेल में हिस्सा लेने वाले खिलाडिय़ों का कोरोना टेस्ट होगा, रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही शामिल हो सकेंगे।
– सभी के लिए फेस मास्क जरूरी होगा और सरकार द्वारा जारी दूसरे नियमों का पालन करना होगा।

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