तमिलनाडु में 334 मौतें
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 22 जुलाई को जानकारी दी कि महाराष्ट्र में म्यूकोर्मिकोसिस या ‘ब्लैक फंगस’ से 1,129 लोगों की मौत हुई है, जो देश में सबसे ज्यादा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद अनिल अग्रवाल को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने लिखित जवाब में दिया था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ब्लैक फंगस के कारण 656 मौतों के साथ महाराष्ट्र के बाद गुजरात दूसरे स्थान पर है। तमिलनाडु में 334 और कर्नाटक में 310 मौतें दर्ज की गई।
नई नहीं है बीमारी
म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस संक्रमण कोई नई बीमारी नहीं है और महामारी से पहले भी इसकी सूचना दी गई थी। हालांकि, इस तरह की घटना तब बहुत कम थी। अब कोविड-19 के कारण यह दुर्लभ लेकिन घातक फंगल संक्रमण बड़ी संख्या में बताया जा रहा है। कोरोना वायरस डिजीज एसोसिएटेड म्यूकोर्मिकोसिस (सीएएम) उन रोगियों में देखा जा रहा है, जो या तो ठीक हो रहे हैं या कोविड-19 से उबर चुके हैं। तमिलनाडु सरकार का कहना था कि तमिलनाडु में अन्य राज्यों की तुलना में ब्लैक फंगस से होने वाली मौतें कम हैं। मृत्युदर भी घटती जा रही है। इसकी वजह जनता का इस रोग के बारे में जागरूक होना तथा उपचार के लिए विशेषज्ञों का समन्वित रूप से कार्य करना है।
अधिसूचित रोग घोषित
तमिलनाडु सरकार ने राज्य में ब्लैक फंगस संक्रमण से संक्रमित पाए जाने के बाद इसे एक अधिसूचित रोग घोषित कर दिया। स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा, ब्लैक फंगस को एक अधिसूचित बीमारी घोषित करने से ये फायदा होगा कि सभी अस्पताल ऐसी स्थिति में तुरंत सरकार को सूचना देंगे, अगर उनके सामने ऐसे मामले आते हैं। इससे प्रशासन को पता चल सकेगा कि कौन सा स्थान या जिले में ऐसे मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं।