इन चार जिलों में गहरे समुद्र में जाकर मछली पकडऩे वाली नौकाओं के उपयोग से मछुआरों को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा को पार करने से रोका जा सकेगा और इस कारण होने वाली मछुआरों की गिरफ्तारी में भी कमीं आएगी।
उन्होंने राज्य में मछली पालन के क्षेत्र में सभी तरह के सहयोग का वादा भी किया। मंत्रालय केंद्र द्वारा प्रायोजित ब्ल्यू रिवोल्यूशन स्कीम में संचार उपकरण , जीपीएस सुविधा और जीवन रक्षक उपकरणों से लैस समुद्री सुरक्षा किट के लिए वित्तिय सहायता प्रदान की जाएगी।
इस स्कीम के लिए बंगाल की खाड़ी के किनारे बसे चार जिलों के लिए 300 करोड़ रुपए जारी किए गए है। तमिलनाडु सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस परियोजना की शुरुआती साल में 2,000 गहरे समुद्र में मछली पकडऩे वाली नौकाओं की सहायता से इतने ही संख्या में ट्रॉलर्स में कटौती करने की योजना है।
इस परियोजना में कुल लागत में 800 करोड़ का खर्चा केंद्र उठाएगा। शेष राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। अभी तक कुछ नावों का वितरण किया जा चुका है।
रामेश्वरम के मछुआरे इस परियोजना से खुश नहीं थे। मछुआरों के संघ के एक सदस्य ने बताया कि जो भी मछुआरा ये नाव लेना चाहता है उसे 44 लाख रुपए खर्च करना होंगे। जिसमें से अधिकतर ऋण के माध्यम से होगा। इसके लिए मछुआरों ने सरकासर से आर्थिक मदद मांगी।