मुजफ्फपुर के वकील सुधीर कुमार ओझा की दो महीने पहले दायर की गई याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूर्यकांत तिवारी के आदेश के बाद यह एफआईआर दर्ज हुई है। सुधीर कुमार ने बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 20 अगस्त को उनकी याचिका स्वीकार कर ली थी। बाद में 3 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की गई।
हर क्षेत्र के दिग्गज है शामिल
इन हस्तियों में मणिरत्नम, अनुराग कश्यप और अपर्णा सेन ,कोंकणा सेन शर्मा, शुभा मुद्गल, बोनानी कक्कर, जोया मित्रा और अदूर गोपाल कृष्णन के साथ ही रामचंद्र गुहा,सुमित सरकार जैसे नाम शामिल है। सरकार ने पत्र में लिखे गए आरोपों को नकार दिया था।
क्या लिखा था पत्र में
जुलाई माह में पीएम मोदी को लिखे गए इस खुले खत में उन्होंने एक ऐसा माहौल बनाने की मांग की थी, जहां असहमति को कुचला नहीं जाए। इन हस्तियों ने कहा था कि असहमति देश को और ताकतवर बनाती है।
इस पत्र में लिखा है कि हमारा संविधान भारत को एक सेकुलर गणतंत्र बताता है, जहां हर धर्म, समूह, लिंग, जाति के लोगों के बराबर अधिकार हैं।
राजद्रोह के लगे है आरोप
ओझा का आरोप है कि इन हस्तियों ने देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को कथित तौर पर धूमिल किया। पुलिस ने बताया कि प्राथमिकी भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गयी है। इसमें राजद्रोह, उपद्रव करने, शांति भंग करने के इरादे से धार्मिक भावनाओं को आहत करने से संबंधित धाराएं लगाई गईं हैं।