साथ ही उन्होंने कोरोना काल में पुलिसकर्मियों के योगदान का उल्लेख करते हुए उनकी तारीफ की और कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान गवाने वाले पुलिसकर्मियों को हमेशा याद रखा जाएगा।
डीजीपी जेके त्रिपाठी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जिन पुलिसकर्मियों ने अपनी सेवा के दौरान बलिदान दिया है, आज उनसे प्रेरणा लेने का दिन है। पुलिस संस्मरण दिवस के मौके पर हम उन शहीद पुलिस पदाधिकारियों एवं जवानों को याद कर रहे हैं जिन्होंने समाज में शांति एवं विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपराधियों से लोहा लेते हुए अपना बलिदान दिया है।
समाज में शांति-सौहार्द बनाए रखने के लिए पुलिस के ऊपर सबसे बड़ा दायित्व है। तमिलनाडु समेत पूरे देश में हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस संस्मरण दिवस मनाया जाता है। इस दौरान पिछले एक साल में शहीद हुए 29 पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
एक साल में शहीद हुए 265 जवान
उन्होने बताया कि आज देशभर की पुलिस के शहीदों को याद किया गया। एक सितम्बर 2019 से 31 अगस्त 2020 तक कुल 265 पुलिस जवान शहीद हुए। इसमें तमिलनाडु के कुल 29 पुलिसकर्मी शामिल हैं।
इस मौके पर चेन्नई के पुलिस आयुक्त महेश कुमार अग्रवाल ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी और पुलिस ए एसआई के घर गए जिनकी हाल ही कोरोना से मौत हो गई थी। वहां उन्होंने बताया कि हाल ही ट्वीटर पर फिल्म अभिनेता विजय सेतुपति के बेटी को लेकर किए गए अभद्र टिप्पणी के खिलाफ तीन धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।
इसलिए हर साल मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस
21 अक्टूबर 1959 में लद्दाख में तीसरी बटालियन की एक कंपनी को भारत-तिब्बत सीमा की सुरक्षा के लिए लद्दाख में ‘हाट-स्प्रिंग‘ में तैनात किया गया था। कंपनी को टुकडिय़ों में बांटकर चौकसी करने को कहा गया। जब बल के 21 जवानों का गश्ती दल ‘हाट-स्प्रिंग’ में गश्त कर रहा था। तभी चीनी फौज के एक बहुत बड़े दस्ते ने इस गश्ती टुकड़ी पर घात लगाकर आक्रमण कर दिया। तब बल के मात्र 21 जवानों ने चीनी आक्रमणकारियों का डटकर मुकाबला किया।
मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ते हुए 10 शूरवीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। बीते 61 साल से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के इन बहादुर जवानों के बलिदान को देश के सभी केंद्रीय पुलिस संगठनों व सभी राज्यों की सिविल पुलिस द्वारा ‘पुलिस स्मृति दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।