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तुत्तुकुड़ी में जल प्रदूषण की केंद्र सरकार की रिपोर्ट को तमिलनाडु ने किया खारिज

locationचेन्नईPublished: Sep 10, 2018 05:18:04 pm

Submitted by:

Santosh Tiwari

तमिलनाडु की मुख्य सचिव गिरिजा वैद्यनाथन ने केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव को लिखा पत्र

Tamilnadu dismisses the report on water pollution in Tutukudi

तुत्तुकुड़ी में जल प्रदूषण की केंद्र सरकार की रिपोर्ट को तमिलनाडु ने किया खारिज

चेन्नई. तुत्तुकुड़ी में जल प्रदूषण के लिए वेदांता समूह के स्टरलाइट प्लांट को अदालत में लम्बित विभिन्न मामलों में दोषी बताए जाने के तमिलनाडु सरकार के मत को केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट ने पूर्वाग्रह से ग्रसित बताया है। केंद्र की इस रिपोर्ट पर राज्य ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे पूरी तरह खारिज किया है। इस प्लांट के विरोध हुए आंदोलन में २२ मई को तेरह जनों की मौत के बाद सरकार ने स्थाई तौर पर प्लांट को बंद करने के आदेश दे दिए। स्टरलाइट प्लांट ने इस आदेश को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण में चुनौती दी और प्रशासनिक कार्यालय के संचालन की अनुमति हासिल कर ली।
तमिलनाडु की मुख्य सचिव गिरिजा वैद्यनाथन ने शुक्रवार को इस सिलसिले में केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखा। उन्होंने लिखा कि राज्य सरकार निराश है कि मंत्रालय ने तुत्तुकुड़ी में एक अध्ययन कराया और केंद्रीय भूजल बोर्ड से रिपोर्ट तक प्राप्त कर ली। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में राज्य सरकार अथवा तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को किसी तरह की सूचना नहीं दी गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य मानता है कि यह रिपोर्ट पूरी तरह प्रेरित है और सरकार के पूर्वाग्रह से ग्रस्त होने की संकल्पना पेश करती है। इस रिपोर्ट के जरिए स्टरलाइट को फायदा पहुंचाने की कोशिश हुई है जो पूरी तरह अस्पष्ट है और आंकड़ों पर आधारित नहीं है। इस अध्ययन का वैज्ञानिक आधार नहीं है और यह समझ नहीं आ रहा है कि जिन दो वैज्ञानिकों ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है उन्होंने किस बुनियाद पर अध्ययन किया जो पूरी तरह अस्पष्ट और संक्षिप्त है।
मुख्य सचिव ने लिखा कि टीएनपीसीबी ने वैज्ञानिक अध्ययन करा पाया कि स्टरलाइट कॉपर प्लांट की वजह से हुए प्रदूषण से स्थानीय लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ा है और लिहाजा इसे बंद करने के निर्देश जारी किए गए। संविधान के अनुच्छेद ४८-ए के तहत पर्यावरण संरक्षण राज्य का बुनियादी कर्तव्य है। लिहाजा सरकार ने प्लांट को स्थाई रूप से बंद करने के आदेश दिए। गिरिजा वैद्यनाथन ने केंद्रीय जल संसाधन सचिव से कहा कि टीएनपीसीबी ने स्टरलाइट कॉपर प्लांट शोधन संयंत्र को बंद करने से पहले व्यापक अध्ययन कराया था। फिलहाल यह मामला राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, मद्रास उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है।
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