तमिलनाडु सरकार ने सरकारी स्कूलों के उन छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में 7.5 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए आदेश पारित किया है, जिन्होंने नीट पास कर लिया है। सरकारी आदेश के मुताबिक, शैक्षणिक वर्ष 2020-21 से एमबीबीएस, बीडीएस, बीएसएमएस, बीएएमएस, बीयूएमएस और बीएचएमएस में दाखिले के लिए 7.5 प्रतिशत सीटों पर नीट में सफल होने वाले सरकारी स्कूल के छात्रों को तरजीह दी जाएगी। यह बिल सरकारी स्कूलों के उन छात्रों को एमबीबीएस और बीडीएस एडमिशन में 7.5 फीसदी आरक्षण की बात करता है जिन्होंने नीट क्वालिफाई कर लिया लेकिन सीट नहीं मिली।
राजभवन से एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि राज्यपाल ने 26 सितम्बर को लिखे पत्र के माध्यम से भारत के सॉलिसिटर जनरल की कानूनी राय मांगी और 29 अक्टूबर को राय प्राप्त की। उस स्टेटमेंट में कहा गया, “जैसे ही राय मिली, माननीय राज्यपाल ने विधेयक को स्वीकृति दे दी,” डीएमके सहित विपक्षी दलों द्वारा आरोप लगाया गया कि पुरोहित ने विधेयक को मंजूरी देने में देरी की, राजभवन ने यह स्पष्ट किया कि कानूनी राय प्राप्त होने के तुरंत बाद विधेयक को मंजूरी दे दी गई।
तमिलनाडु विधानसभा ने 15 सितम्बर को एकमत होकर एक विधेयक पारित किया था, जिसमें नीट पास करने वाले राज्य के छात्रों को 7.5 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की। इस विधेयक को कानून बनाने और इसी साल से लागू कराने के लिए तमिलनाडु कैबिनेट के पांच मंत्रियों का एक शिष्टमंडल प्रदेश के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिला था। इस दौरान इस विधेयक को मंजूर किए जाने का अनुरोध किया, जिसमें नीट परीक्षा पास करने वाले राज्य सरकार के स्कूलों के छात्रों के लिए मेडिकल प्रवेश में अधिमान्य आधार पर 7.5 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था की गई है। जिस पर अब राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है।