प्राणायाम का अभयास
डॉ एन. कदिरेशन के अनुसार नेचुरोपैथी और एलोपैथी का उपयोग राज्य में 145 कोविड केंद्रो पर बिना कोरोना के बिना लक्षण वाले रोगियों के उपचार में किया जा रहा है। इसके अलावा, रोगियों को ‘प्राणायाम’, की अभयास कराया जाएगा जो फेफड़ों की कार्यप्रणाली को बढ़ावा देता है। जिससे से उन्हें सांस लेने में किसी तरह की कोई तकलीफ ना हो इसलिए प्राणायाम सिखाया जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि 750-बेड वाले केविड-19 केयर सेंटर में वेंटिलेटर सपोर्ट के साथ ये एक विशेष गहन देखभाल इकाई है, जो सीटी स्कैन और अन्य आपातकालीन प्रबंधन उपकरणों से सुसज्जित है। उन्होंने बताया कि 7 जुलाई को मुख्यमंत्री के पलनीस्वामी द्वारा इसकी शुरुआत की गई थी।
डॉ कदिरेशन ने कहा कि यह एकीकृत उपचार प्रोटोकॉल के भाग के रूप में योग और प्राकृतिक चिकित्सा के अलावा डॉक्टरों, स्टाफ नर्सों और अन्य फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ 24*7 देखभाल सुविधाएं प्रदान करता है।
योग और नेचुरोपैथी, भारतीय चिकित्सा पद्धति रोगियों की जीवन शक्ति पर काम करती है। खारे पानी की सघनता, भाप से सांस लेना, यूकेलिप्टस, तुलसी के तेल, और एक्यूप्रेशर जैसे सुगंध चिकित्सा सहित विभिन्न उपचार रोगियों को उनकी प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए दिए जाते हैं।
इस अस्पताल में योग और नेचुरोपैथी प्रदान करने वाली टीम में शामिल एक अन्य चिकित्सक डॉ अरुंधति ने कहा कि इस प्रणाली का उपयोग राज्य के 145 केंद्रों में किया जा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा कुछ महीने पहले शुरू की गई आरोक्यम योजना ’पर एक रिपोर्ट के अनुसार, एक लाख से अधिक रोगियों को भारतीय चिकित्सा पद्धति के माध्यम से लाभ हुआ था।