चेन्नई

देश में सबसे अधिक कोरोना टेस्टिंग तमिलनाडु में, फिर भी कहां चूक रही सरकार, 54 हजार पहुंचे मामले

रिसर्च यह भी कहती है कि इन्फेक्शन के 8 दिन बाद भी टेस्ट कराने पर, 20% के रिजल्ट फाल्स निगेटिव रहे।

चेन्नईJun 20, 2020 / 01:41 pm

PURUSHOTTAM REDDY

TamilNadu has done 8.27 lakh coronavirus tests, highest in India

चेन्नई.

तमिलनाडु में लगताार कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं और पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के संक्रमण के 2,115 नए मामले दर्ज किए हैं। वहीं कोरोना संक्रमण से 41 और लोगों की जान चली गई है। राज्य में नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 54,449 तक पहुंच गई है। वहीं नए मामलों में अकेले चेन्नई के मामलों की संख्या 1,322 है जिसके बाद राजधानी में कोरोना संक्रमितों की संख्या 38,327 हो गई है।

देश में सबसे ज्यादा टेस्ट तमिलनाडु में
राज्य में लगातार तीसरे दिन 2000 से अधिक मामले सामने आए हैं। वहीं राज्य के विभिन्न अस्पतालों में 23,509 मरीजों का इलाज चल रहा है। वहीं एक ही दिन में 1,630 लोगों को स्वस्थ हुए हैं और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में 30,271 मरीज कोरोना मुक्त हो गए हैं और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है।

विभाग का कहना है कि राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान 27,537 लोगों के नमूनों का टेस्ट किया गया है और राज्य में अब तक 8,27,980 नमूनों के टेस्ट हो चुके हैं और इसमें 54,449 लोगों के नमूने पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं 7,72,937 नमूनों का टेस्ट निगेटिव आए हैं। वहीं राज्य में कोरोना संक्रमण से रिकवरी होने की दर 55.59 फीसदी है और मृत्यु दर 1.22 फीसदी है।

अबतक महाराष्ट्र में 7,37,597, आंध्र प्रदेश में 6,30,006, दिल्ली में 3,34, 376, गुजराज में 3,14, 301, राजस्थान में 6,67, 643, पश्चिम बंगाल में 3,80,616, मध्य प्रदेश में 2,82,674, केरल में 1,73,729 और कर्नाटक में 4,48, 060 हुए है।

टेस्ट की जरूरत
आखिरकार तमिलनाडु सरकार संक्रमण रोकने में कहां चूक रही है। अन्य राज्यों की तरह चेन्नई समेत पूरे राज्य में लॉकडाउन व सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू किया गया, फिर भी राज्य में कोरोना के मामले बढ़ रहे है। इसका सबसे बड़ा वजह टेस्टिंग से भी है।

जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च बताती है कि कोविड-19 के लिए जल्दी टेस्ट करने पर रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है। लक्षण दिखने के करीब तीन दिन बाद टेस्ट करने पर उसी मरीज का रिपोर्ट पॉजिटिव आ सकता है। रिसर्चर्स के मुताबिक, ऐसा इसलिए हो सकता है कि वो स्वाब का नमूना लिया गया उसमें वायरस से इन्फेक्टेड सेल्स नहीं थीं या तो वायरस का लेवल कम था। इन्फेक्शन के शुरुआत दिनों में वायरल लोड कम रहता है, ऐसे में टेस्ट निगेटिव आ सकता है।

1300 से ज्यादा सैंपल्स पर रिसर्च में पता चला कि जिन लोगों ने इन्फेक्शन के चार दिन बाद टेस्ट कराया था, उनमें से 67% के रिजल्ट निगेटिव आए। हालांकि लक्षण दिखने के बाद टेस्ट करने पर यह दर गिरकर 38त्न हो गई। रिसर्च यह भी कहती है कि इन्फेक्शन के 8 दिन बाद भी टेस्ट कराने पर, 20% के रिजल्ट फाल्स निगेटिव रहे। यानी लक्षण दिखने पर टेस्ट कराना ज्यादा सही है।

चार राज्यों में सबसे अधिक मामले
देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) से महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली और गुजरात सबसे अधिक प्रभावित हैं और राष्ट्रीय राजधानी एवं तीन राज्यों में संक्रमित होने वाले लोगों की कुल संख्या 2,58,037 है जो देशभर में अब तक इस वायरस से संक्रमित कुल आबादी का 65.31 प्रतिशत है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 14,516 नए मामले सामने आए हैं जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढकऱ 3,95,048 हो गई है। इसमें तमिलनाडु का योगदान 2,115 है।

सख्त लॉकडाउन लागू
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान 1,630 मरीज ठीक हुए हैं और उन्हें विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी मिल गई है। राज्य में 30,271 मरीज ठीक हो गए हैं और 23,509 मरीजों का उपचार किया जा रहा। फिलहाल राजधानी चेन्नई और इसके तीन पड़ोसी जिलों में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकनेन के लिए राज्य सरकार ने शुक्रवार से इस महीने के आखिर तक लॉकडाउन लागू किया है और राज्य सरकार का कहना है कि 21 और 28 जून यानी रविवार को बिना किसी भी ढील के पूर्ण रूप से लॉकडाउन रहेगा।

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