पिता की सत्ता संभाले एम. के. स्टालिन ने कूटनीतिक प्रयासों से गठबंधन को जितवाया। डीएमके की बैसाखी और असंतोष की लहर से कांग्रेस के ९ में से ८ प्रत्याशी चुनाव जीत गए। हालांकि पिछले चुनाव में कांग्रेस के कई प्रत्याशी जमानत तक नहीं बचा सके थे।
जयललिता की अगुवाई में एआईएडीएमके ने ४४.३ प्रतिशत वोट हासिल किए थे। डीएमके को २३.६ प्रतिशत वोट मिले थे। बहुकोणीय मुकाबले में मतों के बिखराव से एआईएडीएमके की जीत आसान हो गई।
मुख्यमंत्री ईके पलनीस्वामी और उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम की अगुवाई में पार्टी ने २०१९ का चुनाव लड़ा। भाजपा से गठबंधन करना पड़ा। इस गठबंधन ने केवल एक सीट तेनी से जीती। ओपीएस के पुत्र रविन्द्रनाथ कुमार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ईवीकेएस इलंगोवन को हराया।
एआईएडीएमके लिए सोचने वाला प्रश्न है कहां अकेली पार्टी ने ३७ सीट जीती और अब कहां गठबंधन होने के बाद भी एक ही सीट मिली। वोट प्रतिशत की बात की जाए तो इसमें भी बड़ी गिरावट आई है। पिछले चुनाव की तुलना में एआईएडीएमके का वोट शेयर कम हुआ है। पार्टी को १८.४८ प्रतिशत वोट मिले।
यह बात और है कि पिछले चुनाव में सभी सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए थे और इस बार वह २० सीटों पर लड़ी, लेकिन फिर भी उसके वोट शेयर घटने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता।
वोट प्रतिशत का सबसे ज्यादा फायदा डीएमके को मिला। २०१४ के २३.६ प्रतिशत से बढ़कर डीएमके ने २०१९ में ३२.७६ फीसदी वोट पाए। डीएमके के चुनाव चिन्ह पर खड़े सभी २३ प्रत्याशी जीते हैं। तीन प्रत्याशी सहयोगी दलों के थे। दीगर बात यह है कि कांगे्रस का वोट प्रतिशत ४.३ से बढ़कर १२.८ हो गया।
—-
वोट प्रतिशत २०१९
डीएमके गठबंधन ५१.४६
एआईएडीएमके गठबंधन २९.७५
अन्य १७.४८
नोटा ०१.२८
———————————–
लोकसभा
एआईएडीएमके
७८३०५२० वोट
भाजपा
१५५१९२४ वोट
बीएसपी
१६१५६४ वोट
सीपीआई
१०३१६१७ वोट
सीपीएम
१०१८२२५ वोट
डीएमडीके
९२९५९० वोट
डीएमके
१३८७७६२२ वोट
कांग्रेस
५४०५६७४ वोट
आईयूएमएल
४६९९४३ वोट
नोटा
५४११५० वोट
पीएमके
२२९७४३१ वोट
अन्य
७२५०२१० वोट