-विशेष टीम का गठन
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले में एक बैठक की। चेन्नई पुलिस कमिश्नर ए.के. विश्वनाथन के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम ने परिसर का दौरा किया और हॉस्टल के वार्डन सहित कई लोगो से पूछताछ की। चेन्नई पुलिस कमिश्नर ए.के. विश्वनाथन ने कहा कि ये एक संवेदनशील मुद्दा है इसलिए घटना के पीछे के सच को सामने लाने के लिए मामला केंद्रीय अपराध शाखा CCB को स्थानांतरित कर दिया गया है। मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। विशेष टीम का नेतृत्व सीसीबी के जाइंट कमिश्नर सी. ईश्वरमूर्ति करेंगे। टीम में सीबीआई के पूर्व अपर आयुक्त प्रभाकरन एडीशनल डेपुटी कमिश्रर ऑफ पोलिस ( महिला और बाल अपराध) एस. मेघलिना भी शामिल है।
-सडक़ पर उतरे छात्र संगठन
आईआईटी परिसर में बढ़ रही आत्महत्या के मामलों की निंदा करते हुए कई छात्र संगठनों ने प्रदर्शन किया। आईआईटी में अंबेडकर पेरियार स्टडी सर्कल के सदस्यों ने बाहरी विशेषज्ञों को शामिल कर संस्थान के स्तर पर जांच कराने और उचित पुलिस जांच की मांग की। पीपुल फ्रंट ऑफ इंडिया की छात्र इकाई सीएफआई ने बुधवार शाम को आईआईटी एम के बाहर प्रदर्शन किया। पुलिस ने रास्ता जाम करने की कोशिश कर रहे एसएफआई के 50 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
-राजनीतिक दलों ने की मामले में जांच की मांग
डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने आत्महत्या की स्वंतत्र और पारदर्शी जांच की मांग करते हुए कहा कि तमिलनाडु में इस तरह की दुखद घटना होना शर्मनाक बात है। उसके पिता ने फैकल्टी द्वारा धर्मिक भेदभाव की बात कही है, जिसके कारण तमिलनाडु के लिए भरोसा टूटा है। उन्होंने कहा कि जांच के लिए समय सीमा तय की जाए।
पीएमके के नेता रामदास ने कहा कि इस मामले में छात्रा ने दो प्रोफेसरों के नाम लिए है, उनकी भूमिका की जांच होना चाहिए। आईआईटी एम शहर के बीच में स्थित है फिर भी यह रहस्यमयी जगह है। पिछले दस सालों में यहां 14 छात्रों ने आत्महत्या की है। इसकी भी जांच होना चाहिए।
सीपीआई एम और एमएमके पार्टी ने भी राज्य पुलिस द्वारा आत्महत्या की जांच करने की मांग की, और संकाय सदस्य के खिलाफ कथित रूप से भेदभाव के लिए कार्रवाई करने की मांग की।
सीपीआई (एम) के राज्य सचिव के. बालाकृष्णन ने एक बयान में कहा कि छात्रा ने भेदभाव की बात कही थी। जब छात्र के माता-पिता ने उसकी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की, तो पुलिस ने मामले में गंभीरता नहीं दिखाई।
एमएमके नेता एम.एच. जवाहीरुल्लाह ने एक बयान में कहा कि उन्होंने लडक़ी के पिता से बात की थी, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी एक संकाय सदस्य द्वारा भेदभाव किया जा रहा था। फातिमा के पिता अब्दुल लतीफ ने इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी को भी याचिका भेजी है और इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई है।
कुट्टुरपुरम पुलिस ने मामले में सीआरपीसी की धारा 174 के तहत एफआईआर दर्ज की है।