इस मौके पर मंडल द्वारा प्लास्टिक को मिटाने और पर्यावरण को बचाने के उद्देश्य से ‘से नो टू प्लास्टिक, सुनो वक्त की पुकार, करें प्लास्टिक से इनकार, बने प्लास्टिक मुक्त देश, महिला मंडल का यही संदेश’ के संकल्प के साथ रैली निकालकर प्लास्टिक बहिष्कार की शपथ ली।
रैली को मुख्य अतिथि राजस्थान पत्रिका चेन्नई के संपादकीय प्रभारी पी.एस. विजयराघवन ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में मंडल की सदस्य और पदाधिकारी हाथों में तख्तियां और बैनर लिए हुए थे जिन पर प्लास्टिक प्रति जागरूकता के संदेश लिखे हुए थे। रैली विभिन्न मार्गों से होकर पुन: तेरापंथ भवन आकर सभा में परिवर्तित हुई।
इस मौके पर तेरापंथ भवन में आयोजित कार्यक्रम में मुनि रमेश कुमार ने कहा महिला मंडल ने जो स्वच्छता का संदेश दिया है उस पर अमल करते हुए लोगों में सफाई के प्रति जागरूकता लानी चाहिए। उन्होंने प्लास्टिक की यूज एंड थ्रो संस्कृति को पर्यावरण के लिए खतरनाक बताया और ऐसी संस्कृति से बचने को कहा।
उन्होंने कहा हमें बदलाव की शुरुआत अपने घर से करनी चाहिए। छोटे छोटे बदलाव के लिए हमें सरकार पर निर्भर नहीं होना चाहिए। साथ ही जनता से अपने जीवन में प्लास्टिक का प्रयोग न करने का संकल्प लेने को प्रेरित किया।
हमें आज से ही कपड़े के थैले का प्रयोग शुरू करना है। बाजार में दुकानदार से कपड़े के बैग में ही सामान लें और अन्य लोगों को भी सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए प्रोत्साहित करें।
मुख्य अतिथि पी.एस. विजयराघवन ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 2 अक्टूबर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर देशभर में वातावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद किया जा रहा है।
देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है जबकि हमें हर रोज हर पल यह संकल्प लेना चाहिए कि हम सिंगल यूज प्लास्टिक का बहिष्कार करें और अपनों और आसपास के लोगों को इसके प्रति प्रेरित करें। उन्होंने कहा महिला मंडल के सदस्यों को वातावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए अपनी ओर से भी सहयोग करना चाहिए। इन दोनों चीजों का प्रयोग अगर हम स्वेच्छा से बंद कर देंगे तो आने वाले समय में प्रदूषण पर कुछ हद तक लगाम लग सकती है।
मुख्य वक्ता श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ट्रस्ट, ट्रिप्लीकेन के मुख्य न्यासी गौतमचंद सेठिया ने कहा प्लास्टिक की चीजें हमारी कृषि भूमि, वनों, गांव-गलियों में प्रदूषण को न्योता दे रही हैं। आओ मिलकर साथ दें और वातावरण को स्वच्छ बनाने के लिए इस स्वच्छता ही सेवा के नारे को अंजाम तक पहुंचाएं।
उन्होंने कहा हम आने वाली पीढ़ी को क्या देंगे प्लास्टिक दूषित पर्यावरण या स्वच्छ पर्यावरण। हमें इस बारे में गंभीरता से सोचना होगा और उचित कदम उठाने होंगे। उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक मिट्टी, झील, तालाब, नदियों आदि में जमा होने से पर्यावरण खराब होने एवं पशुओं के खाने से होने वाले नुकसान से अवगत कराया।
मंडल की अध्यक्ष शांति दूधोडिय़ा ने स्वागत भाषण में लोगों में स्वच्छता बनाए रखने तथा नवीन भारत निर्माण में अपना योगदान देने का आह्वान किया। संचालन मंत्री गुणवंती खांटेड ने किया। कार्यक्रम में विमल चिपड, माला कातरेला और अनिता चोपड़ा, सुरेश बोहरा, अनिल लूणावत, धर्मचंद लूंकड़, इन्द्रचंद डूंगरवाल, विमल सेठिया, रमेश खटेड भी उपस्थिति थे। धन्यवाद लता पारेख ने ज्ञापित किया।