चक्रवाती तंत्र का असर
उनके अनुसार अरब सागर के दक्षिण-पूर्व में 4.5 किमी का कम दबाव का क्षेत्र पूर्व-पश्चिम दिशा में विकसित हुआ है, जिसका असर कर्नाटक, उत्तरी तमिलनाडु और उत्तरी केरल के दक्षिणी भीतरी भागों में दिखाई देगा। इसी तरह रविवार को अरब सागर के दक्षिण-पूर्व में बना चक्रवात भी कर्नाटक व केरल के तट के पास क्षोभ मंडल का रूप ले चुका है। नतीजतन, अरब सागर के पूर्व-मध्य में अगले 24 घंटों में दक्षिण महाराष्ट्र के निकट कम दबाव का नया क्षेत्र बनेगा। यह अगले 48 घंटों तक पश्चिम और पश्चिमोत्तर दिशा में बढ़ेगा। इस तरह समुद्र में विकसित दोनों तंत्रों का एकीकरण हो चुका है। लिहाजा तमिलनाडु के कई जिलों में बरसात होगी।
उत्तर-पश्चिमी जिलों में बारिश
बालचंदर के अनुसार तमिलनाडु के ईरोड, नीलगिरि, कोयम्बत्तूर, तेनी, दिण्डीगुल, तिरुपुर, सेलम, धर्मपुरी, नामक्कल और कल्लकुरिची के अलावा पुदुचेरी व करैकल में सोमवार से भारी से बहुत भारी बरसात की संभावना है। इसके अलावा 17 व 18 नवम्बर को चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम, चेंगलपेट, रानीपेट, वेलूर, विल्लुपुरम, तिरुवण्णामलै, कल्लकुरिची, कडलूर, मईलाडुदुरै और कावेरी डेल्टा जिलों में भी अच्छी बरसात हो सकती है।
मछुआरों को चेतावनी
मौसम विभाग ने मछुआरों को आगाह किया है कि वे शुक्रवार तक समंदर में नहीं उतरें। बंगाल की खाड़ी के मध्यवर्ती और पश्चिमी छोर में 40 से 50 किमी के वेग से हवाएं चलने की संभावना है।