अधिकारियों के अनुसार आठ मई यानी शनिवार को 426 करोड और 9 मई रविवार को लॉकडाउन लगने से एक दिन पहले 428 करोड रुपए की शराब की बिक्री हुई। चेन्नई जोन जिनमें चंगलपेट, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर जिला शामिल है, इन तीन जिलों में केवल रविवार को 99 करोड से अधिक की बिक्री हुई।
वहीं मदुरै और तिरुचि जोन में क्रमश: 97.6 करोड और 87.6 करोड की शराब की बिक्री हुई। सेलम जोन में 76.5 करोड और कोयम्बत्तूर जोन में 67.9 करोड रुपए की शराब बिकी। सामान्य दिनों में रविवार को तमिलनाडु में 160-180 करोड रुपए की शराब की बिक्री हो जाती है, तो शनिवार को 120-130 करोड की शराब बेची जाती है।
नशे की लत में नहीं रहा महामारी का डर
लॉकडाउन की घोषणा के बाद तस्माक दुकान के बाहर दुकान खुलने से पहले ही शराब की दुकानों पर लंबी कतारें लग गई। पूरा-पूरा झोला भर-भरकर शराब खरीद रहे थे। कुछ दुकानों पर शाम होते-होते स्टॉक की शार्टेज होने लगी। हालांकि कुछ ही देर में स्टॉक पहुंच गया।
सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ शराब की बिक्री के निर्देश दिए गए थे लेकिन दुकानों के बाहर मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं हुआ। दुकानों पर लंबी कतार और अधिक मात्रा में खरीदारी को देखते हुए विभाग ने टॉकन सिस्टम लागू कर दिया था।
नहीं हुआ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
वहीं कई स्थानों पर शराब की दुकानों पर उमड़ी भारी भीड़ की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सका। इस बात के सख्त निर्देश दिए गए थे कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए। बिना मास्क या बिना फेस कवर किए लोगों को लाइन में ही न लगने दिया जाए लेकिन लोगों की भीड़ इतनी ज्याद थी कि पुलिसकर्मियों को भीड़ संभालने में पसीने छूटने लगे थे। कहीं भी कोई अप्रिय घटना की खबर नहीं है। इसकी तैयारी आबकारी विभाग और पुलिस विभाग ने मिलकर पहले से की थी।
दो सप्ताह नहीं खुलेंगी तस्माक की दुकानें
राज्य सरकार ने लॉकडाउन लागू करने के आदेश में साफ कर दिया कि संपूर्ण लॉकडाउन में शराब की दुकानों को भी बंद रखा जाए। शराब की दुकानों पर भी बहुत ज्यादा भीड़ होती है, ऐसे में कोरोना संक्रमण पर पूरी तरह काबू करना मुश्किल हो सकता है। अब शराब प्रेमियों को 24 मई तक इंतजार करना होगा। हालांकि लोगों ने बहुत स्टॉक जमा कर लिया है।