अंग्रेजों द्वारा 113 साल पहले बनाया गया कुरिंजीपाडी तालुक में कोथवाचेरी झील सबसे बड़ा जलस्रोत है, जो 166 एकड़ में फैला हुआ है और करीब 354 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई करता है। इसके माध्यम से लगभग 2500 किसान लाभान्वित होते हैं।
स्थानीय विधायक एमआरके पन्नीरसेल्वम के आग्रह और कडलूर जिला प्रशासन द्वारा अनुशंसित, एनएलसीआईएल प्रबंधन ने इस झील का पुनरुद्धार करने के लिए 3.08 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। सीएसआर विभाग के माध्यम से किए जा रहे इस झील की 1 करोड़ 90 लाख क्यूबिक फीट की खुदाई कर गहरा किया जाएगा और खुदाई की मिट्टी का उपयोग करके इसकी पाल की ऊंचाई बढ़ाई जाएगी, जिससे पाल को भी मजबूती मिलेगी। इसके अलावा जहां आवश्यक होगा स्लुइस गेट और शटर बदले जाएंगे।
विक्रमण ने बताया कि एनएलसीआईएल ने पिछले 5 वर्षों में कडलूर जिले में स्थित जल निकायों को गहरा करने पर करोड़ों रुपए खर्च कर चुका है। इस वजह से बारिश का पानी बहकर जाने के बजाय झीलों, तालाबों एवं जल निकायों में ही रुक जाता है।
इस मौके पर एनएलसीआईएल के आर. मोहन (सीजीएम/सीएसआर ), वी. रामचंद्रन, (जीएम / सीएसआर/ एनएलसीआईएल), समेत अनेक वरिष्ठ अधिकारी, टीएन लोक निर्माण विभाग के अधिकारी और स्थानीय लोगों ने भाग लिया।