शशिकला अपने वाहन पर एआईएडीएमके के झंडे के साथ स्मारक पर पहुंची। इस दौरान उनके समर्थकों ने “एआईएडीएमके महासचिव त्याग थाई चिन्नम्मा” के नारे लगाए। यह पहली बार है जब जेल से निकलने के बाद शशिकला जययलिता की समाधि पर पहुंची।
जयललिता की समाधि पर पहुंची शशिकला काफी भावुक दिखीं और आंखों में आंसू लिए अपने समय की राजनीतिक उस्ताद जयललिता को पुष्पांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि के बाद पत्रकारों से बात करते हुए शशिकला ने एआईएडीएमके को पुनर्जीवित करने की अपनी क्षमता पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी जिंदगी का तीन चौथाई हिस्सा जयललिता के साथ बिताया है। मुझे स्मारक का दौरा किए चार साल से अधिक समय हो गया है।
जया स्मारक पर मैंने अपने सीने से बोझ उतार दिया है। मुझे यकीन है कि जयललिता और एमजीआर एआईएडीएमके कार्यकर्ताओं की रक्षा करेंगे।
पार्टी में कोई जगह नहीं- एआईएडीएमके
पार्टी प्रवक्ता और पूर्व मंत्री डी. जयकुमार ने कहा कि शशिकला का एआईएडीएमके में कोई स्थान नहीं है। अम्मा मेमोरियल में उनके आगमन का कोई राजनीतिक प्रभाव नहीं है, वह जयललिता के कई लाभार्थियों में से एक हैं। अगर वह राजनीति में जगह चाहती हैं तो एएमएमके सही जगह है। उनके अभिनय के लिए उन्हें ऑस्कर पुरस्कार मिल सकता है, लेकिन अन्नाद्रमुक में कोई जगह नहीं है।
स्मारक स्थल पर शशिकला की यात्रा को पार्टी ने गंभीरता से नहीं लिया। उनके राजनीति में वापसी के दावों का भी खंडन किया।