प्राप्त जानकारी के अनुसार मईलापुर के सैंथम हाई रोड निवासी रविचंद्रन (५९) और उनकी बहन जगदीश्वरी ने मईलापुर तहसीलदार कार्यालय में कानूनी वारिस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। आवेदन तहसीलदार सुब्रमणि के पास गया। सुब्रमणि ने प्रमाण पत्र जारी करने के एवज में 2५ हजार रुपए की रिश्वत मांगी। काफी मिन्नत करने के बाद आखिरकार 10 हजार रुपए देने पर प्रमाण पत्र जारी करने को राजी हुए। इस भ्रष्ट व्यवस्था से खिन्न होकर भाई-बहन ने डीवीएसी विभाग में इसकी शिकायत की। डीवीएसी के अधिकारियों ने उनकी मदद करने का आश्वासन दिया और तहसीलदार को रंगे हाथ पकडऩे का जाल बिछाया।
विभाग के अधिकारियों ने पाउडर लगे १० हजार रुपए रविचंदन को दिए और तहसीलदार को देने का कहा। मंगलवार शाम को डीवीएसी के अधिकारी पहले से कार्यालय में मौजूद थे और रविचंद्रन शाम को तहसीलदार कार्यालय आया और पाउडर लगे १० हजार रुपए सुब्रमणि को दे दिए। इसके तुरंत बाद डीवीएसी की टीम ने तहसील कार्यालय में दबिश दी और तहसीलदार को पीडि़त व्यक्ति से दस हजार रुपए नकद रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। प्रत्यक्षदशियों के अनुसार डीवीएसी के अधिकारियों ने सुब्रमणि के कमरे की तलाशी ली जिसमें बेहिसाब ४० हजार रुपए मिले। अधिकारियों ने ४० हजार रुपए जब्त कर तहसीलदार को गिरफ्तार कर लिया।