सूत्रों के अनुसार मारीअम्मन मंदिर को सड़क पर अतिक्रमण बताते हुए मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई। न्यायालय ने भी इसे सही माना और मंदिर हटाने के आदेश जारी किए। पिछले महीने चेन्नई महापालिका के अधिकारियों ने मंदिर को तोडऩे की कोशिश की।
उस वक्त स्थानीय जनता ने विरोध जताया कि आड़ी माह में यह कार्रवाई नहीं की जाए। आड़ी महीना गुजरने के बाद मंगलवार सुबह कार्पोरेशन के अधिकारी पुलिस और बड़े उपकरणों के साथ वहां पहुंची। मंदिर को गिराने से पहले देवी की मूर्ति को सुरक्षित कपड़े में लपेटकर बाहर निकाला गया।
इस बीच मंदिर गिराने की खबर आग की तरह फैल गई। हिन्दू सत्यसेना संगठन के अध्यक्ष वसंत कुमा व स्थानीय लोग बड़ी संख्या में वहां जुट गए और इसका विरोध करने लगे। इस वजह से सौ से भी अधिक पुलिसकर्मियों की वहां तैनाती की गई।
पहले इन लोगों को समझाने की कोशिश हुई। फिर जब कशमकश के हालात पैदा हुए तो वसंत कुमार समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर वहां से हटाया गया। इसके बाद कार्पोरेशन के अधिकारियों ने अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को पूरा किया तथा मंदिर गिराया। मंदिर के पास ही आनंद नाम के शख्स का दो मंजिला घर है। उसके घर के अगले हिस्से को भी अतिक्रमण बताकर जमींदोज किया गया।