राज्य के बड़े मंदिरों की बात की जाए तो मदुरै का मीनाक्षी और श्रीरंगम का रंगनाथ मंदिर शामिल है। इसी तरह चिदम्बरम का नटराज मंदिर भी विश्व प्रसिद्ध है। इनके अलावा भी ऐसे हजारों मंदिर हैं जहां लाखों की संख्या में सैलानी दर्शन के लिए आते हैं। तमिलनाडु का पर्यटन भी बहुत कुछ इन मंदिरों के खुलने पर निर्भर है। ऐसी स्थिति में यह संकेत मिले हैं कि देवस्थान विभाग लॉक डाउन खुलने के बाद इन मंदिरों के पट भक्तों के लिए खोल देगा।
ई-पास के आधार पर दर्शन
सूत्रों की मानें तो सरकार एक दिन में भक्तों की संख्या निश्चित करने वाली है। हर मंदिर में रोजाना केवल 500 भक्तों को दर्शन की अनुमति दी जाएगी। ई-पास धारक भक्तों को ही दर्शन का अवसर मिलेगा। इस बारे में विभागीय अधिकारियों ने मंत्रणा की है लेकिन अंतिम निर्णय सीएम करेंगे। गौरतलब है कि मंदिर के पट खुलने से आमदनी का एक और जरिया भी शुरू हो जाएगा। अभी तक मंदिर के चढ़ावे पर निर्भर करीब दस हजार पुजारियों को खजाने से एक-एक हजार रुपए की मदद दी जा रही है।