इस शिविर अनेक स्थानों के शिविरार्थियों ने लाभ लिया। शिविर के दौरान सुबह के सत्र में परम आलय अपनी विशिष्ट शैली द्वारा ब्रेन की शक्तियां जगाने के सूत्र बताए गए जिसके बाद सही कॉन्बिनेशन वाला ऊर्जावान नाश्ता दिया जाता। शाम के सत्र में वैज्ञानिक रूप से वीडियो द्वारा बताया गया कि कैसे हमारे शरीर की रचना हुई एवं इसमें कैसे बीमारी प्रवेश करती है और कैसे आसानी से बाहर हो सकती है।
शिविर के नौवें दिन शिविरार्थियों से उनके माता पिता से अपनी हार्माेनी एक करने के प्रयोग कराए गए और सम्मानपूर्वक उनके चरण धुलवाकर आरती उतरवाई गई। अंतिम दिन सुबह सूरज की ऊर्जा से एक होने के लिए सूर्य मिलन साधना एवं शाम के सत्र में चंद्र मिलन साधना के गहरे प्रयोग कराए गए। गौरतलब है कि अब तक देशभर में 100 से अधिक शिविर आयोजित किए जा चुके हैं।किए जा चुके हैं।