माह बढ़ोतरी
सितंबर 3.99 फीसदी
अक्टूबर 4.62 फीसदी
नवंबर 5.54 फीसदी
दिसंबर 7.35 फीसदी ………………………..
हर तबके की कमर टूटी
महंगाई ने कमर सब तबकों की तोड़ दी। जीएसटी की ज्यादा दरें, डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दाम ने आम आदमी को परेशान कर दिया। शिक्षा शुल्क में लगातार बढ़ोतरी हो रही। कई जगह नौकरियां चली गई। बोनस व इन्सेन्टिव कम हो गए। ऐसे में लोगों की तकलीफ बढ़ गई।
-अनिल गुप्ता, बिजनसमैन।
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समाधान हो समस्याओं का
महंगाई दर घटने की केवल बातें हों रही है जबकि हकीकत इसके विपरित है। महंगाई बढ़ती जा रही है। गरीब एवं मध्यम वर्ग महंगाई के बीच पिसता जा रहा है। अब सरकार के संभलने का वक्त आ गया है। सरकार को लोगों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
-विमल शाह, उपाध्यक्ष, फोरम फॉर बैकवर्ड क्लास एंड माइनोरिटी, तमिलनाडु।
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घरेलू बजट पर सीधा असर
बढ़ती महंगाई ने परिवारों का घरेलू बजट गड़बड़ा दिया है। गृहिणियों को घर खर्च में बचत करना भारी पढ़ रहा है। ऐसे में कई योजनाएं डगमगा गई है। बच्चों की शिक्षा की चिंता अभी से सताने लगी है।
-आर. कालूराम सोलंकी, बिजनसमैन।
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टिड्डी से किसान परेशान
महंगाई पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। पश्चिमी राजस्थान में टिड्डी के प्रकोप से दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। ऐसे में किसान का जीना कठिन हो गया है। हालांकि केन्द्र सरकार काम अच्छा कर रही है लेकिन महंगाई पर काबू करने में विफल रही है।
-हुकमाराम गोदारा, बिजनसमैन।
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