अत्तिवरदर के जलवास वाले अनंतसरस सरोवर को बोरवेल के पानी से भरा जाए : हाईकोर्ट
चेन्नईPublished: Aug 20, 2019 02:37:05 pm
Kanchipuram के वरदराज भगवान मंदिर के अनंतसरस सरोवर जहां भगवान अत्तिवरदर ४० वर्ष का जलवास कर रहे हैं, को गहरे बोरवेल के जल से लबालब करने के आदेश हुए हैं।
अत्तिवरदर के जलवास वाले अनंतसरस सरोवर को बोरवेल के पानी से भरा जाए : हाईकोर्ट
– याचिका का निपटारा
चेन्नई. कांचीपुरम के वरदराज भगवान मंदिर के अनंतसरस सरोवर जहां भगवान अत्तिवरदर ४० वर्ष का जलवास कर रहे हैं, को गहरे बोरवेल के जल से लबालब करने के आदेश हुए हैं।
अशोकन नाम के याची ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी कि जब भगवान अत्तिवरदर को जलवास से बाहर दर्शन के लिए निकाला गया है तो पूरे सरोवर की सफाई होनी चाहिए। अगर यह मौका चुके तो फिर से ४० वर्ष का इंतजार करना होगा।
इस याचिका की पिछली सुनवाई पर जज आदिकेशवलू को हिन्दू धर्म व देवस्थान विभाग ने बताया था कि ९०फीसदी कार्य पूरा हो गया है। हाईकोर्ट के सीआइएसएफ जवानों की सहायता के सुझाव को भी कांचीपुरम जिला प्रशासन ने ठुकरा दिया था।
न्यायालय ने तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनंतसरस सरोवर में जल भरने संबंधी रिपोर्ट मांगी थी। यह रिपोर्ट बोर्ड ने सोमवार को पेश की।
रिपोर्ट में कहा गया मंदिर परिसर के दूसरे सरोवर पोट्रामरै का पानी कवक-शैवाल युक्त हरे रंग का हो चुका है। यदि इस पानी को अनंतसरस सरोवर में भरा जाता है तो वहां भी वनस्पतियां उग आएंगी।
बोर्ड ने रिपोर्ट में सुझाव दिया कि इसके बजाय गहरे बोरवेल का पानी उपयोग कर सरोवर को भरा जा सकता है। पूरे सरोवर को भरने के लिए २५ हजार लीटर पानी की आवश्यकता होगी। जज ने यह रिपोर्ट स्वीकारते हुए निर्देश जारी किए कि अनंतसरस सरोवर को बोरवेल के पानी से भरा जाए।
गौरतलब है कि १ जुलाई से भगवान अत्तिवरदर के दर्शन शुरू हुए जो १६ अगस्त की रात को समाप्त हुए। करीब एक करोड़ भक्तों ने उनके दर्शन किए। मंदिर प्रशासन को लगभग आठ करोड़ का चढ़ावा आया। १७ अगस्त की रात पूर्ण विधि-विधान और आगम परिपाटी के अनुसार अत्तिवरदर की मूर्ति को अनंतसरोवर में बने मंडप के नीचे के कक्ष में जलवास के लिए प्रतिष्ठित कर दिया गया। अब इस मूर्ति को २०५९ में निकाला जाएगा।