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गुरु ही है परमात्मा तक पहुंचाने का रास्ता

locationचेन्नईPublished: Sep 16, 2018 09:58:49 pm

श्री एसएस जैन संघ साहुकापरेट के तत्वावधान एवं उपप्रवर्तक विनयमनि व गौतममुनि, आचार्य पुष्पदंत सागर, आचार्यगण तीर्थभद्रसूरीश्वर…

The guru is the way to reach the divine

The guru is the way to reach the divine

चेन्नई।श्री एसएस जैन संघ साहुकापरेट के तत्वावधान एवं उपप्रवर्तक विनयमनि व गौतममुनि, आचार्य पुष्पदंत सागर, आचार्यगण तीर्थभद्रसूरीश्वर व पूर्णानंद सागर, उपाध्याय प्रवर प्रवीणऋषि, साध्वीवृंद महाप्रज्ञा व मधुस्मिता के सान्निध्य में रविवार को जैन भवन में उपाध्याय प्रवर कन्हैयालाल गुणानुवाद दिवस एवं विनय गुरु दीक्षा स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह हुआ।
विशिष्ट अतिथि जयंतीलाल साकरिया एवं अशोककुमार कोठारी थे और अध्यक्षता महेन्द्र सिंघी हुबली ने की। समारोह की शुरुआत संजन मुनि व फूलचंद मुनि की गीतिका एवं संघ के अध्यक्ष आनंदमल छल्लाणी ने स्वागत भाषण से हुई।

इस मौके पर गौतममुनि ने कहा गुरुओं का गुणानुवाद जीवन में अनंत आनंद देता है। उपाध्याय कन्हैयालाल का ज्ञान के क्षेत्र में उनका बहुत योगदान रहा। ऐसे में उनका गुणानुवाद मानव जाति के लिए बहुत ही सौभाग्य की बात है। शिष्यों को तराशना ही गुरुओं का कार्य होता है।

गुरु जहां भी होते हैं वहीं जीवन की शुरुआत कर देते हैं। उनके आगमन से जीवन को संस्कृति से जोडऩे का मौका मिलता है।

सागरमुनि ने कहा गुरु कन्हैयालाल के गुणानुवाद और विनयमुनि के दीक्षा स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह का यह मौका स्वर्ग नहीं बल्कि मोक्ष के बाराबर हैं। गुरु ही परमात्मा तक पहुंचाने का रास्ता होते हैं।
आचार्य तीर्थभद्र सूरीश्वर ने कहा महापुरुषों के योगदान से ही मनुष्य जाति को इस कलियुग में प्रभु का जिनशासन मिला है। साध्वी महाप्रज्ञा ने कहा गुरुदेवों का आशीर्वाद भाग्यशाली भक्तों को मिलता है उनके अच्छे कर्मो की वजह से दुनिया याद करती है। प्रवीणऋषि ने कहा उपाध्याय कन्हैयालाल की दृष्टि साफ थी, जिसकी दृष्टि साफ होती है वे हमेशा आगे ही जाते हैं। मानव जाति उनके जुबान को शास्त्रों के समान मानती है।
विनयमुनि को दीक्षा स्वर्ण जयंती वर्ष पर बधाई देते हुए उन्होंने कहा लोभ की समाप्ति के बाद दीक्षा की प्राप्ति होती है।

साध्वी मधुस्मिता, मुनि संयमरत्न और आचार्य पूर्णानंद ने भी उद्बोधन दिया।

इस मौके पर विनयमुनि को आचार्य शिवमुनि द्वारा महाश्रमण एवं वरिष्ठ प्रवर्तक सुकनमल मुनि द्वारा आगमज्ञाता पद से अलंकृत किया गया। विनयमुनि ने कहा आज वे जो कुछ भी हैं अपने गुरु मिश्रीमल और कन्हैयालाल की वजह से हैं। उनकी सदैव कृपा बनी रहेगी।

समारोह अध्यक्ष महेन्द्र सिंघी ने कहा गुरुओं के मेहनत से ही आज मेरा तेरा खत्म होकर हमारा माहौल बन गया है।
विनयमुनि और गौतममुनि जैन सामाज के आधार हैं। इनकी प्रेरणा से जैन समाज आगे निकल रहा हैं। ललिता दुगड़, हस्तीमल फूलचंद साकरिया ने भजन पेश किया।
समारोह में संघ उपाध्यक्ष निर्मल मरलेचा, नरेंद्र कोठारी, सहमंत्री पंकज कोठारी के अलावा

माम्बलम संघ के उपाध्यक्ष डा. उत्तमंचद गोठी, अक्षय कुमार सामसुखा मुंबई, गौतमचंद गोलेच्छा, बाबूलाल पारख, गणेशमल गुगलिया,
सुमेरचंद आबड़, जीतमल कोठार, विमल, हीरालाल, विकास रांका, विमलचंद बोकडिया, जुगराज बोरून्दिया, पदमचंद सिंघवी,
कमल कोठारी, सुभाष कांकलिया, पदम कोठारी सहित देशभर के विभिन्न संघों के पदाधिकारी उपस्थित थे। समारोह में मेघराज, मिश्रीमल, लालचंद, शंकरलाल साकरिया परिवार साण्डेराव का विशेष सहयोग रहा। इस मौके पर संघ द्वारा जरूरतमंदों में अन्नदान, जीव दया, मानव सेवा आदि भी किया गया।

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