तिरुवल्लूर जिले में 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। स्थानीय निकाय की बात की जाए तो 1 जिला पंचायत, 14 पंचायत यूनियन, 526 विलेज पंचायत हैं जो ग्रामीण निकाय में शामिल हैं। इनके चुनाव होने हैं। इसके साथ ही शहरी निकायों में 5 नगरपालिका एवं 10 टाउन पंचायतें हैं। तिरुवल्लूर जिले को राजस्व की दृष्टि से देखा जाए तो इसमें 3 डिवीजन, 8 तालुक एवं 792 गांव आते हैं। जिले में 14 ब्लॉक एवं 526 ग्राम पंचायतें हैं। जिले की आबादी करीब 37.28 लाख है।
तिरुवल्लूर जिले में एक ही जिला पंचायत है तिरुवल्लूर। पंचायत यूनियन 14 हैं जिनमें एलापुरम, गुम्मिडीपूण्डी, कदमबत्तूर, मिंजूर, पल्लीपेट, पूंदमल्ली, पूंडी, पूझल, आरकेपेट, शोलावरम, तिरुतनी, तिरुवलंगाडु, तिरुवल्लूर एवं विलीवाक्कम शामिल हैं।
जिले में शहरी निकाय में पांच नगरपालिका आती है। जिनमें आवड़ी, पंूदमल्ली, तिरुवल्लूर, तिरुतनी एवं तिरवरकाडु शामिल हैं। टाउन पंचायत 10 हैं जिनमें आरणी, गुम्मिडीपूण्डी, मिंजूर, नरवरीकुप्पम, पल्लीपेट, पोन्नेरी, पोत्तातुरपेट्टै, तिरुमजेसै, तिरुनींड्रवूर एवं उत्तकोट्टै शामिल हैं।
हाल ही तमिलनाडु में पांच नए जिलों का गठन किया गया है जिनको मिलाकर अब 37 जिले हो गए हैं। जो नए जिले बने हैं उनमें तेनकाशी, कललकुरिची, तिरुपत्तूर, रानीपेट एवं चेंगलपेट शामिल हैं। तिरुनेलवेली जिले से तेनकाशी, विल्लुपुरम जिले से कल्लकुरिची, कांचीपुरम जिले से चेंगलपेट तथा वेलूर जिले से तिरुपत्तूर एवं रानीपेट नए जिले बनाए गए हैं।
कांचीपुर जिले से चेंगलपेट को अलग जिला बनाया गया है। इससे पहले कांचीपुरम जिले में 9 नगरपालिका एवं 17 टाउन पंचायत थी। नगरपालिकाओं में चेंगलपेट, कांचीपुरम, मदुरांतकम, पल्लावरम, ताम्बरम, पम्मल, मरैमलैनगर, अनगापत्तूर, सेम्बाक्कम शामिल थी। टाउन पंचायतों में अचरापाक्कम, चित्तलापाक्कम, एडाकसिनाडु, कुनरात्तुर, करुणकुशी, मामलपुरम, मांगाडु, मादमबाक्कम, नन्दीवणम गुडुवान्चेरी, पेरुंगलत्तूर, पीरकरणकरणै, श्रीपेरम्बदूर, तिरुकलीकुण्ड्रम, तिरुपोरूर, तिरुनीरमलै, उत्तरमेरूर एवं वालाजाबाद शामिल थी। कांचीपुरम जिले में चार राजस्व डिवीजन, पंचायत यूनियन-13 तथा 633 ग्राम पंचायतें थी।
नए बने चेंगलपेट जिले में आठ तालुक रखे गए हैं। इनमें चेंगलपेट, चैयूर, मदुरांतकम, ताम्बरम, तिरुपोरूर, तिरुकलीकुण्ड्रम, पल्लावरम एवं वंडलूर शामिल किए गए हैं। कांचीपुरम जिले में पांच तालुक रखे गए हैं जिनमें कांचीपुरम, श्रीपेरम्बदूर, उत्तरमेरुर, वालाजाबाद एवं कुण्ड्रत्तूर शामिल हैं।
इसी तरह वेलूर जिले के हिस्से से बने नए रानीपेट जिले में चार तालुक अरक्कोणम, आरकॉट, नेमिली एवं वालाजापेट शामिल किए गए हैं। वेलूर जिले से ही नए बने तिरुपत्तूर जिले में चार तालुक आते हैं जिनमें नट्रमपल्ली, तिरुपत्तूर, वानियम्बाड़ी एवं आम्बूर शामिल किए गए हंै।
भारत के आजाद होने से पहले तमिलनाडु मद्रास प्रेसिडेंसी के नाम से जाना जाता था। आजादी के बाद इसका नाम मद्रास एस्टेट कर दिया गया। बाद में 1967 में इसका नाम बदलकर तमिलनाडु कर दिया गया। 1956 में मद्रास एस्टेट के अधीन 13 जिले थे जिनमें चेंगलपेट, कोयम्बत्तूर, कन्याकुमारी, मद्रास, मदुरै, नीलगिरि, नॉर्थ आरकॉट, रामनाड, सेलम, साउट आरकॉट, तंजौर, तिरुनेलवेली एवं तिरुचिरापल्ली शामिल थे।
मौजूदा समय में तमिलनाडु में जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़ा जिला चेन्नई तथा सबसे छोटा जिला पेरम्बलूर है। क्षेत्रफल के लिहाज से दिण्डीगुल (6266.64 स्क्वेयर किमी) सबसे बड़ा तथा चेन्नई (426 स्क्वेयर किमी) सबसे छोटा जिला है।
तमिलनाडु में अब करीब तीन साल बाद स्थानीय निकाय चुनाव हो रहे हैं। चुनाव दो चरणों में 27 दिसम्बर एवं 30 दिसम्बर को होंगे। अभी सिर्फ ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनाव ही हो रहे हैं। शहरी निकाय चुनाव जिसमें कार्पोरेशन, नगरपालिका एवं टाउन पंचायत शामिल हैं, संभवत: पोंगल के बाद कराए जाएंगे। चुनाव की अधिसूचना के साथ ही प्रदेश की सभी 388 पंचायत यूनियनों में आचार संहिता लागू हो गई है। प्रशासनिक कारणों के चलते ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनाव पहले कराए जा रहे हैं।
ग्रामीण निकाय के तहत 1.18 लाख पदों के लिए चुनाव होने हैं। इसमें 3.31 करोड़ मतदाता होंगे। मतदाता चार वोट डालेंगे। इनमें पंचायत वार्ड सदस्य एवं प्रेसिडेन्ट के लिए। इसके लिए पार्टी प्रत्याशी नहीं होंगे। जिला पंचायत वार्ड सदस्य एवं पंचायत यूनियन वार्ड सदस्य के चुनाव में राजनीतिक दल उम्मीदवार उतारेंगे। हर जिले में आईएएस स्तर के अधिकारी चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में लगाए जाएंगे।
हालांकि निकाय चुनाव को लेकर डीएमके ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है जिसमें कहा गया है कि प्रदेश में निकाय चुनाव कराने के लिए जरूरी औपचारिकता अभी तक पूरी नहीं की गई हैं। डीएमके की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 5 दिसम्बर को सुनवाई करेगा। याचिका में कहा है कि प्रदेश के प्राधिकारी पहले परिसीमन समेत तमाम प्रक्रियाएं पूरी करें। स्टालिन ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने मद्रास हाइकोर्ट के निर्देशानुसार अभी तक पांच नए जिलों में परिसीमन प्रक्रिया पूरी नहीं की है।